इंदौर के लोकायुक्त कार्यालय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देशों के तहत की गई है। आवेदक जितेंद्र वास्केल ने शिकायत की थी कि उसे बाग रोड से पांडु गुफा तक तीन किलोमीटर सड़क निर्माण का ठेका मिला था। इस निर्माण में दो किलोमीटर क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है, और इसके लिए आवश्यक अनुमति भी उन्होंने वन विभाग से प्राप्त की थी।
/sootr/media/post_attachments/99cf5d3c-1e4.jpg)
लोकायुक्त टीम का एक्शन
इंदौर लोकायुक्त ने 9 अप्रैल 2025 को एक टीम बनाकर एक्शन लिया। इस कार्रवाई में आरोपी वन रेंजर वैभव उपाध्याय को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया। लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की।
ये खबर भी पढ़ें... राजगढ़ में मछली कारोबार के नाम पर रिश्वतखोरी का भांडा फूटा, एक लाख रुपए बरामद
भ्रष्टाचार की शिकायत और आरोप
आवेदक ने बताया कि वन रेंजर वैभव उपाध्याय ने निर्माण कार्य को रुकवाने की धमकी दी और 3% की रिश्वत की मांग की। पहले 96 हजार रुपए की रिश्वत भी ली गई थी और अब फिर से 2 लाख रुपए की मांग की गई थी। सत्यापन के दौरान यह आरोप सही पाया गया और लोकायुक्त ने तुरंत कार्रवाई की।
ये खबर भी पढ़ें... रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए ASI को नहीं मिली जमानत,कोर्ट ने भेजा जेल
आरोपी की गिरफ्तारी और कार्रवाई
रेंजर वैभव उपाध्याय को लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथ पकड़ा और उसे भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है, और दोषी को सख्त सजा दिलवाने के लिए लोकायुक्त पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
ये खबर भी पढ़ें... Waqf Law: बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून, हिंसा के बीच ममता बनर्जी का ऐलान
ये खबर भी पढ़ें... एमपी में हेड कॉन्स्टेबल को पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट, शव फेंकने ले जा रहे थे आरोपी और फिर...
लोकायुक्त टीम में शामिल सदस्य
डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक राहुल गजभिए, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, प्रधान आरक्षक रंजीत द्विवेदी, आरक्षक अनिल परमार,आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक रामेश्वर निंगवाल आरक्षक कृष्णा अहिरवार सम्मिलित हैं।