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मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में लोकायुक्त इंदौर की टीम ने कार्रवाई की। जिला परिवहन अधिकारी रीना किराड़े और एजेंट विवेक मलतारे को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। शिकायतकर्ता चेतन शर्मा ने लाइसेंस रिन्युअल के लिए संपर्क किया था। रीना किराड़े ने एजेंट से मिलने को कहा और 10000 हजार रुपए की घूस मांगी। बुधवार दोपहर अंजड़ के गायत्री मंदिर के पास रिश्वत लेते एजेंट को पकड़ा गया। लोकायुक्त टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई से राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की प्रतिबद्धता जाहिर हुई है।
शिकायतकर्ता चेतन शर्मा ने परिवहन कार्यालय में लाइसेंस रिन्युअल और 22 अन्य कार्यों के लिए संपर्क किया। इस पर रीना किराड़े ने उसे एजेंट विवेक मलतारे से संपर्क करने को कहा। चेतन ने तुरंत लोकायुक्त कार्यालय इंदौर से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।
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4 जून 2025 को बुधवार दोपहर अंजड़ के गायत्री मंदिर के पास लोकायुक्त टीम ने एजेंट विवेक मलतारे को 10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह गिरफ्तारी पुलिस निरीक्षक प्रतिभा तोमर के नेतृत्व में हुई, जिन्होंने पूरी टीम के साथ कार्रवाई की।
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रिश्वत की पूरी योजना में RTO की सीधी संलिप्तता सामने आने के बाद रीना किराड़े को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि कोई भी अधिकारी यदि भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे उसका पद कुछ भी हो।
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लोकायुक्त की टीम ने आरोपीगण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया है। विवेक मलतारे की भूमिका एजेंट की थी, लेकिन उसका रिश्ता सीधे तौर पर आरटीओ से था, जिसने उसे माध्यम बनाकर रिश्वत दिलवाने की कोशिश की।