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INDORE. इंदौर के माहेश्वरी समाज के आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज में नया बखेड़ा हो गया है। यहां प्रिंसिपल और ट्रस्ट प्रबंधन के बीच महीनों से विवाद चल रहे थे। प्रबंधन ने एक के बाद एक कई नोटिस प्रिंसिपल प्रोफेसर राजीव झालानी को दिया गया था। आखिरकार इन नोटिसों के बाद अब प्रिंसिपल झालानी को सस्पेंड करने के आदेश प्रबंधन ने कर दिए हैं।
यह कारण बताया गया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन ने झालानी को जो सस्पेंशन आदेश भेजा है। इसमें यही कहा गया है कि आपके जरिए नोटिस के जवाब नहीं दिए गए। जवाब देने में टालमटोल की गई है। इसलिए आपको सस्पेंड किया जाता है।
छह महीने से चल रहा है विवाद
ट्रस्ट अध्यक्ष पुरुषोत्तम पसारी और कॉलेज शिक्षण समिति के अध्यक्ष रामअवतार जाजू ने इस मामले में प्रिंसिपल राजीव झालानी को नोटिस जारी किए थे। दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। मामला थाने तक गया है और साथ ही एसडीएम कोर्ट में भी केस लगाया गया है। इसकी भी सुनवाई जारी है।
प्रबंधन ने लगाए थे बंदी बनाने के आरोप
ट्रस्ट ने 31 अक्टूबर को ही प्रिंसिपल और स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाया था। इसमें कहा था कि उन्हें बोर्ड बैठक के दौरान चार घंटे तक कहीं जाने नहीं दिया गया था। साथ ही, अशोभनीय व्यवहार किया गया था। पुलिस को मौके पर बुलाया गया और फिर वे बाहर गए थे। हमें बंधक बनाया गया था। इसके बाद ट्रस्ट ने प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया था।
नोटिस में बताया था ऐसी हुई घटना
पसारी ने नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि 11 अक्टूबर की शाम चार बजे कॉलेज के बोर्ड कक्ष में शिक्षण समिति की बैठक हुई थी। इसमें सभी ट्रस्टी उपस्थित थे। इस दौरान कॉलेज के कर्मचारियों, सहायक प्राध्यापकों, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने मीटिंग में आकर अशोभनीय व्यवहार किया था।
सभी को अपमानित किया गया था। साथ ही घेराव किया गया था। स्थिति को गंभीरता से देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा था। इसके बाद सभी को आठ बजे सुरक्षित निकाला गया। यह गंभीर स्थिति है। इन सारे कृत्यों से यह पता चलता है कि कॉलेज को अपनी निजी एकल संस्था की तरह संचालित करने का प्रयास किया जा रहा है। यह अस्वीकार्य है। इस पर तीन दिन में जवाब दीजिए।
कॉलेज अध्यक्ष जाजू के नोटिस में यह था
जाजू के जरिए झालानी को दिए गए नोटिस में कहा गया था कि 11 अक्टूबर को ट्रस्टगण की बैठक में स्टाफ ने आकर गरिमा के विपरीत व्यवहार किया गया था।
मैं 77 साल का व्यक्ति हूं। साथ ही, समाज में विविध दायित्व संभालता हूं। मीटिंग में घुसकर स्टाफ ने नारे लगाए और घेराव किया था। पुलिस को बुलाना पड़ा था। फिर रात आठ बजे सुरक्षित निकले। आप अनुशासन बनाए रखने में विफल रहे हैं। इस संबंध में तीन दिन में जवाब दें।
(इस संबंध में कई बार राजीव झालानी को फोन कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन जवाब नहीं दिया गया।)
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