इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट: सुपर कॉरिडोर से चंद्रगुप्त मौर्य के बीच 71 जगहों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट से तांबा चुराया
मेट्रो कोच के संचालन के दौरान पटरियों के समानांतर बिछाई गई थर्ड रेल से बिजली प्रवाह दिया जाता है। यह रेल कोच की दो पटरियों को जोड़ने के लिए लगाई जाती है। इसमें एक्सपेंशन ज्वाइंट लगाए जाते हैं। इसमें कॉपर होता है।
इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट में घुसकर 71 जगहाें से तांबा चोरी करने का बड़ा मामला सामने आया है। सुपर कॉरिडोर के स्टेशन नंबर-2 से चंद्रगुप्त मौर्य चौराहे तक मेट्रो के 14 मीटर ऊंचे वायाडक्ट पर बने सात किलोमीटर हिस्से में चोरों ने 71 जगह से एक्सपेंशन ज्वाइंट में लगी कॉपर (तांबा) की चोरी करना बताया गया है। यह ज्वाइंट्स जर्मनी से खास तौर पर मंगवाए गए थे। इस मामले में कंपनी कन्पतरू प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड की तरफ से हीरानगर और बाणगंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मेट्रो के कर्मचारियों की जानकारी निकाल रही है जो कि उस हिस्से में काम करते हैं।
पीवीसी कवर के नीचे होता है कॉपर
मेट्रो कोच के संचालन के दौरान पटरियों के समानांतर बिछाई गई थर्ड रेल से बिजली प्रवाह दिया जाता है। यह रेल कोच की दो पटरियों को जोड़ने के लिए लगाई जाती है। इसमें एक्सपेंशन ज्वाइंट लगाए जाते हैं। इसमें कॉपर होता है। उसके ऊपर पीवीसी का कवर लगा होता है। चोर मेट्रो के इस सिस्टम को अच्छे से जानते थे। इस वजह से उन्होंने एल-की (षटकोणिय नट खोलने वाले चाकू) का उपयोग कर थर्ड रेल पर लगे एक्सपेंशन ज्वाइंट को काटा और कॉपर को निकालकर फरार हो गए।
15 मार्च को कल्पतरु प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के इंजीनियरों ने निरीक्षण के दौरान एक्सपेंशन ज्वाइंट पर खुले हुए नट मिले। इसके बाद पूरे ट्रैक की जांच की गई तो पता चला कि 71 स्थानों पर चोरी की इस घटना को अंजाम दिया गया है।
मेट्रो प्रशासन के अनुसार, वायाडक्ट पर लगाए गए एक्सपेंशन ज्वाइंट का मुख्य कार्य पटरियों को जोड़ने और तापमान में परिवर्तन के दौरान उन्हें फैलने और सिकुड़ने से बचाना है। इन ज्वाइंट्स में तांबे का उपयोग किया जाता है, जो करंट प्रवाह में मदद करता है। चोरों ने बड़ी ही चालाकी से इन ज्वाइंट्स में लगा तांबा उखाड़ लिया, जिससे ट्रैक की स्थिरता और विद्युत सप्लाई में रुकावट आने की संभावना बढ़ गई है। वहीं, इस चोरी की घटना से मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, जबकि इसकी सुरक्षा में मेट्रो के ही गार्ड लगे रहते हैं। यह घटना भी तब हुई है जबकि मेट्रो का संचालन शुरू भी नहीं हुआ है।
23 मार्च को मेट्रो परियोजना में काम करने वाली कंपनी के कर्मचारियों को चोरी का पता चला। बताया गया कि सुबह 7.30 बजे बाइक से आई चार महिलाओं और दो युवकों का समूह वायाडक्ट से तांबा चोरी करता पकड़ा गया। कंपनी के सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस को सूचना दी और उन्हें पुलिस को भी सौंपा था। इसके पहले भी नवंबर 2024 में कंपनी के स्टोर रूम से करीब डेढ़ लाख रुपए की केबल चोरी होने का मामला सामने आया था।
हीरानगर टीआई पीएल शर्मा ने बताया कि इस चोरी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी मेट्रो कर्मचारियों से या तो मिले हुए हो सकते हैं या फिर उन्हें में से कोई हो सकता है। क्योंकि मेट्रो प्रोजेक्ट की इतनी बारीक जानकारी होना किसी बाहरी व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल होता है। वहीं, केवल तीन से चार जगहों पर ही चोरी होने की जानकारी मिली है। अभी जांच जारी है। इसमें मेट्रो कर्मचारियों की सूची मांगी जा रही है जो कि उस प्रोजेक्ट में चोरी वाले हिस्से में काम करते हैं। इनसे पूछताछ कर बयान लिए जाएंगे।
तांबा चोरी के पीछे संगठित गिरोह का संदेह
पुलिस जांच में यह भी बात सामने आ रही है कि चोरी में शामिल महिलाओं का समूह अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस को संदेह है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो मेट्रो परियोजना जैसे बड़े निर्माण स्थलों को निशाना बनाता है।
नवंबर 2024 में होनी थी मेट्रो सेवा की शुरुआत
मेट्रो परियोजना का संचालन नवंबर 2024 तक शुरू होने की योजना थी। हालांकि, चोरी की घटना के बाद इसकी समयसीमा पर असर पड़ सकता है। मेट्रो प्रशासन ने कहा कि तांबे की कमी से करंट प्रवाह में समस्या आ सकती है, जिससे ट्रैक पर ट्रेन संचालन प्रभावित हो सकता है।
कंपनी ने सुरक्षा बढ़ाई
इस घटना के बाद मेट्रो प्रोजेक्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन को अब सुरक्षा कैमरों की संख्या बढ़ाने, सुरक्षा गार्डों की तैनाती और रात में गश्त बढ़ाने की सिफारिश की गई है। अब वायाडक्ट और एक्सपेंशन ज्वाइंट्स की लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही पुलिस ने चोरी में शामिल अन्य लोगों की तलाश शुरू कर दी है।
जर्मनी से मंगवाए ज्वाइंट चुराए
कल्पतरु प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर अजय सिंह का कहना है कि 71 स्थानों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट से तांबे की चोरी की गई है। इसकी शिकायत बाणगंगा और हीरानगर थाने में की गई है। ये ज्वाइंट जर्मनी से मंगवाए गए थे।