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मध्यप्रदेश के इंदौर निगमायुक्त के पद पर आए 2014 बैच के आईएएस दिलीप यादव की तेजी नेताओं के साथ ही निगम गलियारों से लेकर पूरे शहर में चर्चा का विषय बनती जा रही है। अभी उन्हें दस दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन इसी बीच एक विधायक ने तो सीधे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ही उनकी शिकायत कर दी।
विधायक गौड़ के समर्थक के यहां बुलडोजर पहुंचाया
दरअसल, विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ के समर्थक और एक दुकान कारोबारी के निर्माण को लेकर पहले तो निगम ने मटेरियल को लेकर जुर्माना लगाया। जब इस संबंध में बात की तो फिर दो दिन बाद ही उस निर्माण को तोड़ने के लिए निगमायुक्त यादव ने बुलडोजर भेजकर तुड़वाने की कार्रवाई के आदेश दे दिए।
फिर भाभी ने सीधे सीएम से की शिकायत
इस घटना से नाराज होकर विधायक मालिनी गौड़ ने सीधे मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस संबंध में चर्चा की और घटना की जानकारी देते हुए निगमायुक्त यादव की शिकायत कर दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाइश दी है कि जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर काम करें।
इधर नेताओं से ज्यादा मुलाकात नहीं
लेकिन मोहन यादव ने अभी नेताओं, जनप्रतिनिधियों से थोड़ी दूरी ही रखी हुई है। नेताओं ने बताया कि पहले तो वह फोन ही नहीं उठाते थे, अब थोड़ा बहुत फोन उठाने लगे हैं। नए निगमायुक्त की कार्यशैली को अभी निगम समझने में लगा हुआ है, तो खुद वह भी इस शहर और निगम, जनप्रतिनिधियों को समझने में लगे हुए हैं।
निगम को सुधारने सख्त शैली की जरूरत
हाल के समय में इंदौर नगर निगम की जो हालत हुई है और जिस तरह से डेढ़ सौ करोड़ का फर्जी बिल घोटाला सामने आया। फिर सड़क के गड्ढों का मामला उठा है। काम में देरी हो रही है। उसे देखते हुए अब एक सख्त कार्यशाली की जरूरत भी महसूस की जा रही है। खास तौर से निचले स्तर पर बिल्डिंग इंस्पेक्टर, बिल्डिंग ऑफिसर और दरोगा स्तर पर जो मनमानी चल रही है, उसे लेकर भी सख्ती जरूरी है।