इंदौर नगम निगम की मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान निगमायुक्त शिवम वर्मा (Commissioner Shivam Verma) ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बुजुर्ग महिला की समस्या हाथों हाथ निपटाई। यह बुजुर्ग महिला पति के मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए परेशान हो रही थीं। जब समस्या लेकर महिला पहुंची तो निगमायुक्त वर्मा कुर्सी से उठे और महिला का हाथ थामा और उन्हें साथ लेकर पहुंच गए जन्म-मृत्य प्रमाणपत्र विभाग।
महिला ने की पैसे मांगने की शिकायत
महिला ने निगमायुक्त को बताया कि उनके परिजन का मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) अप्रैल 2024 में ही बन गया था, लेकिन देने के बदले में रुपए मांगे जा रहे हैं। इस पर निगमायुक्त विभाग के रवैए पर भड़क गए और महिला को साथ लेकर गए। उन्होंने वहां पहुंचते ही पूछ लिया कि कौन सर्टिफिकेट देने के बदले में पैसे मांग रहा है। इस पर पूरा स्टॉफ उनकी सख्ती को देखकर बगले झांकने लगा और सभी ने रूपए मांगने की बात से इनकार किया।
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बन गया तो फिर दिया क्यों नहीं?...
निगमायुक्त ने जानकारी ली तो पता चला कि सर्टिफिकेट तय समय के अनुसार तो अप्रैल में ही दे देना था लेकिन दिया नहीं। इस पर उन्होंने फटकार लगाई और हाथों हाथ सर्टिफिकेट बनवाकर महिला को दिया। इस पर महिला ने धन्यवाद दिया। निगमायुक्त ने कहा कि मैं तो बेटे जैसा हूं और यह हमारी ड्यूटी है। वहीं निरीक्षण में अन्य मामले भी पेंडिंग पाए गए। इस पर निगमायुक्त ने इन्हें दूर करने के आदेश दिए।
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विभाग के कर्मचारी को हटाया
वहीं अव्यवस्थाओं से नाराज निगमायुक्त ने विभाग के मस्टर कर्मचारी अनिल रानवे की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश दे दिए। साथ ही महिला कर्मचारी को फटकार लगाने के साथ व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। साथ ही डिप्टी कमिश्नर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया।
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