फिर फंसा जिलाध्यक्षों का पेंच, VD शर्मा और हितानंद शर्मा दिल्ली रवाना
मध्य प्रदेश में बीजेपी जिलाध्यक्षों की सूची पर असहमति के कारण सागर और धार जिलों में दो-दो जिलाध्यक्ष बनाने की योजना है। अब केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली में अंतिम निर्णय करेगा। वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा दिल्ली में केंद्रीय टीम के साथ विमर्श करेंगे।
BHOPAL. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर फिर पेंच फंस गया है। सागर, ग्वालियर, इंदौर और रीवा जैसे प्रमुख जिलों में स्थानीय नेताओं के बीच सहमति न बनने के कारण यह मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। सोमवार को भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच लंबी बैठक हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। अब यह मामला बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा जाएगा। इसके लिए वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा दिल्ली रवाना हो गए हैं।
अब दिल्ली में होगा अंतिम निर्णय
वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा दिल्ली में केंद्रीय टीम के साथ विमर्श करेंगे। इस टीम में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह और पर्यवेक्षक सरोज पांडेय शामिल हैं। इसके बाद ही जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
बीजेपी सागर और धार जिलों को संगठनात्मक दृष्टि से दो भागों में विभाजित करने की तैयारी में है। सागर जिले में रहली, देवरी, और बंडा को मिलाकर एक जिलाध्यक्ष और सागर, खुरई, सुरखी, बीना, और नरयावली को मिलाकर दूसरा जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। धार में भी इसी तरह दो जिलाध्यक्ष बनाने की योजना है।
अन्य जिलों में भी असहमति
ग्वालियर, इंदौर, रीवा, निवाड़ी, और सिंगरौली (Singrauli) जैसे जिलों में भी स्थानीय नेताओं के बीच असहमति बनी हुई है। यह स्थिति सूची जारी करने में देरी का कारण बन रही है।
इस बीच, पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह भी दिल्ली रवाना हुए हैं। वे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर प्रदेश अध्यक्ष की रेस में अपनी दावेदारी मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल लगभग 4 साल 10 महीने का हो चुका है। जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।