/sootr/media/media_files/2025/09/22/sourabh439-2-2025-09-22-14-58-03.jpg)
इंदौर के एमवाय अस्पताल में हुए चूहा कांड को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर रविवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है।
जयस के कार्यकर्ता डीन, सुपरिटेंडेंट और संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक डीन और सुपरीटेंडेंट को हटाया नहीं जाएगा, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
आज सुबह से फिर शुरू कर दी नारेबाजी
रविवार दोपहर से अस्पताल गेट पर प्रदर्शन कर रहे जयस कार्यकर्ताओं ने रातभर मुख्य गेट पर ही धरना दिया। सोमवार सुबह होते ही कार्यकर्ताओं ने दोबारा नारेबाजी शुरू कर दी और विरोध प्रदर्शन जारी रखा। रविवार को दोपहर में जो आंदोलन शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी है।
इस दौरान कई बार अधिकारियों के साथ तीखी नोंक-झोंक हुई। अधिकारियों ने कार्रवाई की धमकी दी, जिस पर जयस ने झुकने से इंकार कर दिया और प्रदर्शन जारी रखा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रशासन पर साधा निशाना
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने कहा चूहा कांड (Rat Bite) ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से नवजात बच्चियों की जान खतरे में पड़ी। यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। हमारा आंदोलन सिर्फ न्याय की मांग नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य तंत्र में जवाबदेही तय करने की लड़ाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आगे भी मासूमों की जान खतरे में बनी रहेगी।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/22/jayas11-2025-09-22-14-59-08.jpeg)
प्रशासन से हुई चर्चा
रविवार को एसडीएम प्रदीप सोनी अस्पताल पहुंचे, लेकिन कार्यकर्ताओं ने साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। शाम को डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने भी इंदौर-भोपाल के अधिकारियों से प्रशासनिक स्तर पर चर्चा की, लेकिन प्रदर्शनकारी अड़े रहे। जयस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा और जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
हत्या के केस की है मांग
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दे ने कहा कि हमारी मांग है कि जिम्मेदारों पर खासकर डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और उनके साथ ही सभी जिम्मेदारों पर गैर इरादतन हत्या का केस हो।
जयस इसलिए कर रहा आंदोलन
जयस का कहना है कि एम वाय अस्पताल इंदौर में घटित “चूहा कांड” ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। जिस तरह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण मासूम नवजात बच्चियों की जिंदगी से खिलवाड़ हुआ, वह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। हमारा उद्देश्य एम वाय अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को उजागर करना, पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना। जयस का मानना है कि यदि आज इस भीषण लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में मासूमों की जान यूं ही खतरे में पड़ती रहेगी।
यह खबर भी पढ़ें...एमपी के शिक्षकों को मिलेगा सरकारी आवास, हर जिले में बनेंगे इतने मकान
हाईकोर्ट में ऑर्डर रिजर्व है
हाईकोर्ट ने इस घटना पर खुद संज्ञान लेकर सभी पक्षकारों को नोटिस दिए थे और न्यायमित्र भी नियुक्त किए थे। इस मामले में सुनवाई होने के बाद ऑर्डर रिजर्व पर है। उधर सरकार ने हाईकोर्ट में इन बच्चों की मौत को चूहों के कुतरने की जगह नेचुरल बताया और कहा कि जन्म के बाद से ही यह काफी क्रिटिकल थे और कई अंग विकसित नहीं हुए थे, साथ ही पीएम रिपोर्ट पेश की थी। उधर शासन की उच्च स्तरीय रिपोर्ट में भी लीपापोती की गई और सभी उच्चस्तर के लोगों को बचा लिया गया। इसमें केवल तत्कालीन अधीक्षक डॉ. अशोक यादव को छुट्टी पर भेजा गया, विभागाध्यक्ष बृजेश लाहोटी को पद से हटा दिया और एजेंसी एजाइल से पेस्ट कंट्रोल ठेका लेने के लिए नोटिस जारी हुआ। बाकी कुछ पर डीन ने कार्रवाई की थी।