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Kawardha Navratri dispute:छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के ग्राम कामठी में नवरात्रि की तैयारियों के बीच मंदिर को लेकर बड़ा विवाद सामने आया। रविवार सुबह आदिवासी समाज और हिंदू संगठन के बीच टकराव की स्थिति बनी, जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस झड़प में 40 से अधिक लोग घायल हुए और सुरक्षा के मद्देनजर गांव में अभी भी भारी फोर्स तैनात है।
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विवाद की शुरुआत
कामठी गांव में नवरात्रि के अवसर पर हिंदू संगठन ने दुर्गा मंदिर में पंडाल और झंडे लगाए थे। इसी बीच आदिवासी समाज के युवक वहां पहुंचे और पंडाल-झंडा उखाड़कर फेंक दिया, साथ ही मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। इससे दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
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पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति काबू से बाहर हो गई। भीड़ ने मंदिर की प्रीकास्ट बाउंड्रीवॉल तोड़ दी। इस दौरान पंडरिया SDOP भूपत सिंह धनेश्री का कॉलर पकड़ा गया और एक गर्भवती महिला आरक्षक का हाथ टूट गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया।
मंदिर और समाजिक पृष्ठभूमि
कामठी गांव के बीचों-बीच स्थित इस प्राचीन मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से नियमित पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। वहीं, हाल के वर्षों में गोंडवाना समाज ने भी मंदिर पर अपना अधिकार जताना शुरू किया और वहां सतरंगी झंडा स्थापित किया।
पिछले साल भी दुर्गा प्रतिमा स्थापना और पूजा को लेकर पटेल समाज और गोंडवाना समाज में विवाद हुआ था। प्रशासन ने इस बार मंदिर को शासकीय घोषित कर सुरक्षा बढ़ा दी है।
कामठी मंदिर विवाद क्या है? जानिए मुख्य बातें
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हिंसा और नुकसान
मंदिर परिसर में पंडाल-झंडे उखाड़े गए। 40 से अधिक लोग घायल हुए। गर्भवती महिला आरक्षक का हाथ टूटा। एसडीओपी के साथ अभद्र व्यवहार। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रित की।
आगे की कार्रवाई
गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने विवादित धार्मिक स्थल को शासकीय घोषित कर स्थायी समाधान निकालने का प्रयास शुरू किया है। स्थानीय पंचायत और प्रशासन दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर माहौल शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।