कनाडा के आम चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने जीत दर्ज की है। इसमें खास बात यह है कि इंदौर के अमरजीत सिंह गिल ने भी इसमें जीत हासिल की है। इस चुनाव में उन्होंने विपक्षी पार्टी की हेल्थ मिनिस्टर कमल खेड़ा को लगभग 1400 वोट से हराया है। इसी के साथ वे अब भारतीय मूल के पहले इंदौरी हो गए हैं जो कि कनाडा की संसद में पहुंचे हैं।
लिबरल पार्टी ने जीत दर्ज की
कनाडा के आम चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने जीत दर्ज की है। लिबरल पार्टी ने संसद में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हासिल कर ली हैं। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद 14 मार्च को कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे। पदभार ग्रहण करने के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने संसदीय चुनाव की घोषणा की थी।
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इंदौर के वैष्णव स्कूल से पढ़े हैं
कनाडा में हुए आम चुनावों में इंदौर के अमरजीत सिंह गिल ने इतिहास रच दिया है। टोरंटो के ब्रेम्पटन वेस्ट लोकसभा सीट से उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से मिले टिकिट पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल कर ली है। इंदौर के विष्णुपुरी निवासी रहे अमरजीत ने वैष्णव स्कूल और वैष्णव पॉलिटेकनिक कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की है। वे 1996 में कनाडा में जा बसे थे। उन्होंने कनाडा की वर्तमान महिला हेल्थ मिनिस्टर कमल खेड़ा को कड़े मुकाबले में लगभग 1400 वोट से हराया है। इसी के साथ कनाडा की संसद में पहुंचने वाले अमरजीत सिंह गिल भारतीय मूल के अब पहले इंदौरी बन गए हैं। गिल के स्व. पिता भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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कुछ ऐसा रहा मुकाबला
ब्रैम्पटन वेस्ट निर्वाचन सीट से लिबरल उम्मीदवार कमल खेड़ा कंजर्वेटिव पार्टी के अमरजीत गिल से चुनाव हार गई हैं। गिल को 50 प्रतिशत वोट मिले, जबकि खेड़ा को 47.5 प्रतिशत वोट मिल सके। दिल्ली में जन्मीं खेड़ा कनाडा की संसद में चुनी गईं। वे सबसे कम उम्र की महिला सांसदों में से एक हैं। वह पहली बार 2015 में ब्रैम्पटन वेस्ट से चुनी गई थीं। वह अपने स्कूल के दिनों में ही कनाडा चली गईं और बाद में टोरंटो में यॉर्क यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। फिलहाल खेरा स्वास्थ्य मंत्री थीं।
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