/sootr/media/media_files/2025/02/22/GUW4xiC458ZTkQ1v8kwO.jpg)
विश्वनाथ सिंह @ इंदौर
शहर में नए पुलिस कमिश्नर की पुलिस अफसरों व कर्मचारियों पर सख्ती बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में अब एमआईजी और परदेशीपुरा थाने के चार पुलिस जवान नप गए हैं। ये चारों ही पिछले दिनों हुए एक प्रदर्शन और पुतला दहन की सूचना वरिष्ठ अफसरों को नहीं दे पाए थे। इसके बाद अब इन चारों को सजा के तौर पर सादी वर्दी के बजाय पुलिस की वर्दी पहननी होगी और थाने का काम देखना होगा।
खबर यह भी...
हिंदूवादी सुमित हार्डिया व्यापारी को धमक रहे थे, जूनी इंदौर पुलिस ने की FIR
यह है पूरा मामला
डीसीपी जोन 2 अभिनव विश्वकर्मा ने एमआईजी और परदेशीपुरा थाने के पुलिसकर्मियों को अनदेखी की सजा सुनाई है। इन चारों पुलिसकर्मियों ने जासूसी करने में लापरवाही बरती। इसके बाद उन्हें खूफिया और सीआई सेल में पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इन पुलिसकर्मियों को अब पुलिस की वर्दी में ही सामान्य ड्यूटी करनी पड़ेगी।
कांग्रेसियों ने फूंक दिया था सांसद का पुतला
बताया गया कि एमआईजी थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रवीणसिंह और रविंद्र कुमार की खूफिया सेल में पदस्थापना की गई थी। दोनों पुलिसकर्मियों को क्षेत्र की गोपनीय सूचना एकत्र करने का जिम्मा सौंपा गया था। असल में पुलिसकर्मियों ने छह जनवरी को बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी का पुतला दहन व प्रदर्शन की जानकारी नहीं दी। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पार्षद सोनाली मिमरोट ने प्रदर्शन की योजना बनाई थी। परदेशीपुरा थाना के आरक्षक जयवेंद्र और गौरव शर्मा ने भी सूचना संकलन में लापरवाही की।
खबर यह भी...
दुष्कर्म का आरोपी आसाराम जिस इंदौर आश्रम से हुआ था गिरफ्तार, उसी में आराम के लिए पहुंचा
जांच हुई और गोपनीय रिपोर्ट पेश की अफसरों को
परदेशीपुरा एसीसी नरेंद्र रावत ने जांच की और डीसीपी के सामने गोपनीय रिपोर्ट पेश की। शुक्रवार को डीसीपी जोन 2 अभिनव विश्वकर्मा ने निंदा कर सजा सुनाते हुए आदेश जारी किए कि उक्त चारों पुलिसकर्मी जिस भी थाने में पदस्थ हैं, वहां पर जनरल ड्यूटी करेंगे। भविष्य में चारों की पदस्थापना थाने की सीआई व खूफिया सेल में नहीं होगी।
खबर यह भी...चोखी ढाणी के बाफले मानकों पर खरे नहीं, इंदौर के इस होटल पर प्रशासन का एक्शन
पंढरीनाथ थाने के स्टाफ को भी मिल चुकी है सजा
पंढरीनाथ थाने के टीआई कपिल शर्मा सहित 15 पुलिस जवानों को भी सीपी संतोष सिंह ने सजा के तौर पर तीन दिन की ट्रेनिंग के लिए भेजा था। वे बीएनएस की धाराएं ही नहीं बता पाए थे और थाने में कई अनियमितताएं मिली थीं। इसके बाद उनकी तीन दिन तक ट्रेनिंग चली थी और परीक्षा के बाद वे सभी पास हो गए हैं। सभी को कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने थे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि सभी को 60 से 80 प्रतिशत अंक मिले हैं। अब उन्हें वापस पंढरीनाथ थाने जाने के आदेश दे दिए गए हैं। तीन दिन तक ट्रेनिंग डीसीपी जोन 4 के ऑफिस में चल रही थी। उन सभी की लिखित परीक्षा के लिए पेपर एसीपी हेमंत चौहान ने तैयार किया था। अब किसी तरह की लापरवाही होने पर किसी तरह की ट्रेनिंग या ऑफिस में अटैच नहीं किया जाएगा। बल्कि उन्हें सजा दी जाएगी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक