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इंदौर नगर निगम से अवैध निर्माण की जानकारी नहीं दी गई। इस मामले को लेकर पूर्व पार्षद ने राज्य सूचना आयुक्त के पास अपील लगी। इस अपील पर राज्य सूचना आयुक्त डॉक्टर उमाशंकर पचौरी ने तत्कालीन इंदौर नगर निगम के लोक सूचना व मुख्य नगर निवेशक अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें 25 हजार के अर्थदंड की बात कही गई है और अपना जवाब देने के लिए 1 अक्टूबर को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। गोयल अभी भोपाल नगर निगम में सिटी प्लान है।
यह है पूरा मामला
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने दिनांक 07-02-23 को नगर निगम इंदौर भवन अनुज्ञा शाखा से जारी किए सूचना-पत्रों के सम्बन्ध में जानकारी मांगी थी। जिसे तत्कालीन सिटी प्लानर अनूप गोयल ने मांग स्पष्ट नहीं होने का कारण बताकर जानकारी नहीं दी थी।
प्रथम अपील में अपर आयुक्त ने दस्तावेज दिखाने का आदेश दिया था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। इस पर पक्षकार ने राज्य सूचना आयुक्त के पास अपील की थी।
इस पर अपर आयुक्त का आदेश नहीं माने जाने पर अधिनियम की धारा 20 का दोषी मानते हुए राज्य सूचना आयोग ने अनूप गोयल पर अधिनियम की धारा 7(1) के नातार्गत 25000/- अधिरोपित करने का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
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अवैध निर्माण पर नहीं हो रही कार्रवाई
कौशल ने बताया कि नगर निगम इंदौर द्वारा निरंतर सूचना के अधिकार कानून का मखौल उड़ाया जाता रहा है। किसी भी विभाग से जानकारी मांगो तो अधिकारियों द्वारा बहाने किए जाते हैं। इसके पूर्व नगर निगम द्वारा सरवटे बस स्टेंड, स्ट्रोम वाटर लाइन, सडको के पेंचवर्क, अवैध निर्माणों से सम्बंधित जानकारी, रोकी गई पेंशन से संबंधित जानकारी विभाग द्वारा नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग ने निगम अफसरों पर दंड किया था।
भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा दिनांक 01-01-20 से दिनांक 07-02-23 तक हजारों की संखा में अवैध निर्माणों से सम्बंधित नोटिस जारी करने के बाद कुछ ही भवनों को चयनित कर अवैध निर्माण हटाने की दिखावटी कारवाई की गई थी। जिसकी जानकारी मांगी गई थी, नहीं दिए जाने पर सूचना आयोग को अपील की थी।