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MP Constable Bharti 2025:मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने पुलिस भर्ती 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बार कुल 7,500 पदों पर भर्ती की जाएगी। नोटिफिकेशन सामने आते ही विवाद शुरू हो गया है, क्योंकि सरकार ने रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता को हटा दिया है। युवाओं का कहना है कि यह निर्णय गलत है, क्योंकि इस शर्त के हटने से बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा और मप्र के स्थानीय युवाओं के अवसर कम हो जाएंगे।अब इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय युवा नाराज दिखाई दे रहे हैं।
बाहरी भी करवा सकते हैं पंजीयन- हाईकोर्ट
एमपीपीएससी की भर्तियों में हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को रोजगार पंजीयन से छूट प्राप्त है। मप्र के मूल निवासियों के लिए आवेदन के समय पंजीयन आवश्यक नहीं होता, लेकिन इंटरव्यू से पहले प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य रहता है। वहीं, बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी भी मध्यप्रदेश रोजगार कार्यालय में ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। इस प्रक्रिया में दस्तावेजों का सत्यापन नहीं किया जाता और वे किसी भी जिले में पंजीयन करवा सकते हैं।
इस बार भर्ती में ट्रेड आरक्षक के पद शामिल नहीं किए गए हैं। कुल 6,800 पद जिला बल और 700 पद विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के लिए रखे गए हैं। नाई, धोबी, मोची, कुक, वाटर कैरियर, विगुलर, टेंट खलासी और चालक जैसे ट्रेड आरक्षक पदों की भर्ती 2017 के बाद से दोबारा नहीं हुई है। मध्यप्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती को लेकर राज्य में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है।
24 घंटों में 1.50 लाख से ज्यादा रूलबुक डाउनलोड
नोटिफिकेशन जारी होने के महज 24 घंटों में 1.50 लाख से अधिक उम्मीदवार रूलबुक डाउनलोड कर चुके हैं। इस बार 10 लाख से ज्यादा आवेदन आने की संभावना जताई जा रही है। पिछली पुलिस भर्ती 2023 में 9.68 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
2017 से अब तक राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में जीवित रोजगार पंजीयन अनिवार्य रहा है। हाल ही में आयोजित समूह-2 और उपसमूह-3 की भर्तियों में भी यही नियम लागू किया गया था। हालांकि, ईएसबी का कहना है कि उसे पुलिस मुख्यालय से जो नियम मिले हैं, उनमें रोजगार पंजीयन की शर्त का प्रावधान शामिल नहीं है।
एक पद पर औसतन 136 उम्मीदवार
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भर्ती के लिए करीब 10 लाख आवेदन आएंगे। यदि ऐसा होता है तो प्रत्येक पद पर औसतन 133 उम्मीदवार परीक्षा में बैठेंगे। पिछली भर्ती 2023 में 7,091 पदों के लिए 9.68 लाख आवेदन आए थे, उस समय एक पद पर औसतन 136 उम्मीदवार थे। इस हिसाब से प्रतियोगिता का स्तर लगभग समान रहने की संभावना है, लेकिन बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या से स्थानीय युवाओं पर दबाव निश्चित रूप से अधिक होगा।
जीवित रोजगार पंजीयन के बारे में
जीवित रोजगार पंजीयन का अर्थ रोजगार कार्यालय में किया गया वह पंजीकरण है, जिसे समय-समय पर नवीनीकृत कराना जरूरी होता है। यदि नवीनीकरण नहीं किया जाता तो यह पंजीकरण निष्क्रिय माना जाता है और उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने 2017 से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में यह शर्त इसलिए लागू की थी, ताकि राज्य की नौकरियां स्थानीय युवाओं तक सीमित रहें और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा कम हो।
2020-21 की भर्ती में स्थानीय युवाओं का प्रदर्शन बेहतर
2020-21 की भर्ती में चयनित उम्मीदवारों के आंकड़े बताते हैं कि केवल 1.6% बाहरी उम्मीदवार सफल हुए थे। उस समय मध्यप्रदेश से 5,906 और बाहरी राज्यों से मात्र 94 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। यह स्पष्ट करता है कि स्थानीय युवाओं का प्रदर्शन बेहतर रहा है। वहीं, महिलाओं की भागीदारी के मामले में स्थिति अब भी कमजोर है। मध्यप्रदेश पुलिस में महिलाओं की हिस्सेदारी वर्तमान में 8% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 10.5% है। कॉन्स्टेबल स्तर पर यह आंकड़ा केवल 6% और अधिकारी स्तर पर 11% तक सीमित है। यदि यही दर बनी रही तो पुलिस बल में 33% महिला आरक्षण पूरा होने में लगभग 43 साल लग जाएंगे।
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महिलाओं के लिए 35% सीट आरक्षित
आगामी भर्ती 2025 में महिलाओं के लिए 35% यानी 2,380 पद आरक्षित रखे गए हैं, लेकिन लिखित परीक्षा में उनके लिए अलग कट-ऑफ निर्धारित नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि महिलाओं को वही लाभ मिलेगा जब वे पुरुष उम्मीदवारों के बराबर अंक हासिल करेंगी। पिछली भर्ती 2023 में लगभग 2.5 लाख महिलाओं ने आवेदन किया था, लेकिन लिखित और शारीरिक परीक्षा पास करने के बाद चयनित महिलाओं का प्रतिशत 11% से भी कम रहा। ऐसे में 2025 में भले ही 2,380 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हों, यदि पर्याप्त संख्या में महिला अभ्यर्थी क्वालिफाई नहीं करतीं तो ये पद ओपन कैटेगरी के उम्मीदवारों से भरे जाएंगे और सीटें ब्लॉक नहीं होंगी।
ईएसबी संचालक साकेत मालवीय का बयान
ईएसबी संचालक साकेत मालवीय ने कहा कि नियम बनाने का कार्य विभाग का होता है। पात्रता विभाग तय करता है। इस पर हमारा नियंत्रण नहीं है। हम सिर्फ परीक्षा कराते हैं। अभी गृह विभाग ने रोजगार पंजीयन की शर्त नहीं रखी है। आगे अन्य कोई विभाग नहीं रखेगा तो उसे भी रूलबुक में शामिल नहीं करेंगे।
बता दें कि, एमपी पुलिस आरक्षक परीक्षा (MP Police Constable Exam) को लेकर उम्मीदवार काफी उत्साह में हैं। सभी उम्मीदवार एमपी आरक्षक एग्जाम 2025 ( mp constable bharti) तैयारियों में जुटे हुए हैं।