इंदौर के अग्रवाल पब्लिक स्कूल ने TC लेने वाले छात्रों से मांग ली फीस, शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचे पालक
जनसुनवाई में पहुंचे अभिभावकों आरोप लगाया कि उनके बच्चों ने वर्ष 2024-25 में अग्रवाल पब्लिक स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी की है। मार्च 2025 में स्कूल स्टाफ ने मौखिक रूप से बताया था कि रिजल्ट आने के बाद मार्कशीट की हार्ड कॉपी मिलने पर टीसी दी जाएगी।
इंदौर के अग्रवाल पब्लिक स्कूल के खिलाफ छात्रों और उनके अभिभावकों ने मंगलवार को जनसुनवाई में जिला कलेक्टर से शिकायत की है। शिकायत में पालकों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसमें 10वीं पास करने के बाद ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) और कॉशन मनी लौटाने के बजाय जबरन 11वीं की फीस वसूलने की बात कही गई है। कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपने पहुंचे अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप भी लगाया है।
फीस की जबरन वसूली का आरोप
जनसुनवाई में पहुंचे अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों ने वर्ष 2024-25 में अग्रवाल पब्लिक स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी की है। मार्च 2025 में स्कूल स्टाफ ने मौखिक रूप से बताया था कि रिजल्ट आने के बाद मार्कशीट की हार्ड कॉपी मिलने पर टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) दी जाएगी। वहीं, जब रिजल्ट घोषित हो गया और अभिभावकों ने टीसी मांगी तो स्कूल ने उन पर 11वीं कक्षा की पहली किस्त की फीस 26000 रुपए जमा करने का दबाव बनाया।
यह शिकायत की जनसुनवाई में पालकों ने
संपर्क के बावजूद नहीं मिला समाधान
अभिभावकों वीरेंद्र रघुवंशी, सोना ठाकुर, विपिन गुप्ता, मोहम्मद सादिक, पवन चौकसे, गौरव चौकसे, विजय तलदार के साथ छात्र उज्जवल पटेल, निध्यति गुप्ता, लव्य मेहता, नैतिक जेठा, आदित्य किशनानी आदि सहित 25 से ज्यादा पालकों ने स्कूल प्रशासन से कई बार संपर्क किया। जिसमें पालकाें ने स्कूल प्रबंधन से मिलकर और लिखित में भी टीसी को लेकर कहा। हर बार उन्हें टाल-मटोल कर दी जाती और कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता। जिससे उन्हें अब जिला प्रशासन का सहारा लेना पड़ा।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि कई छात्र इंदौर से बाहर के हैं। उनके परिजन भी अन्य शहरों में रहते हैं। ऐसे में बार-बार इंदौर आना उनके लिए संभव नहीं है, लेकिन टीसी और कॉशन मनी न मिलने की वजह से उनके बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
शिकायत मिलने के बाद जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि छात्रों और अभिभावकों के साथ किसी भी प्रकार का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि स्कूल दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निजी स्कूलों पर नियंत्रण की मांग तेज
यह मामला सामने आने के बाद एक बार फिर निजी स्कूलों की मनमानी और बेलगाम फीस वसूली का मुद्दा गरमा गया है। अभिभावकों ने मांग की है कि प्रशासन को जल्द ही एक सख्त निगरानी तंत्र बनाना चाहिए ताकि किसी भी निजी संस्थान को छात्रों और अभिभावकों के साथ जबरदस्ती करने का मौका न मिल सके।