भावना सिंह हत्याकांडः पार्टी में तेज आवाज में गाने बजाने से रोकने पर मारी थी गोली
लसूड़िया पुलिस के मुताबिक 21 मार्च को इंदौर के महालक्ष्मी नगर में एक फ्लैट में ग्वालियर की रहने वाली भावना गोली लगने से घायल हो गई थी। तीन लोग उसे लेकर कार से बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे और छोड़कर भाग गए।
इंदौर में दोस्तों संग पार्टी कर रही इंदौर में भावना सिंह हत्याकांड के आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया गया है। आरोपी स्वास्तिका, आशु यादव और मुकुल पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस के मुताबिक, गोली मुकुल ने चलाई थी। उसके और भावना के बीच तेज आवाज में गाना बजाने को लेकर विवाद हुआ था। भावना ने तेज आवाज में गाने बजाने को लेकर मना किया था। इस पर उसका मुकुल से झगड़ा हो गया था। इस पर मुकुल ने उस पर गोली चला दी थी। पुलिस ने आरोपियों के फ्लैट की तलाशी ली, जहां से 28 मोबाइल, 4 लैपटॉप, 50 से ज्यादा एटीएम कार्ड और 50 से अधिक बैंक खातों की पासबुक बरामद हुई हैं। दो मैगजीन और कारतूस भी मिले हैं। आरोपी ऑनलाइन सट्टे का काम करते हैं। आरोपी ने दुबई भागने की प्लानिंग की थी।
यह था मामला
लसूड़िया पुलिस के मुताबिक 21 मार्च को इंदौर के महालक्ष्मी नगर में एक फ्लैट में ग्वालियर की रहने वाली भावना गोली लगने से घायल हो गई थी। तीन लोग उसे लेकर कार से बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे और छोड़कर भाग गए। इलाज के दौरान भावना की मौत हो गई थी। पुलिस को जानकारी मिली थी कि आरोपी भोपाल से थार जीप से भागे हैं। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों आशु यादव निवासी दतिया, स्वास्ती राय निवासी दतिया, मुकुल यादव निवासी दतिया को कसोल हिमाचल प्रदेश से वापस लौटते समय ग्वालियर बायपास से पकड़ा है।
डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि भावना हत्याकांड के आरोपियों पर 10 हजार का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस को आशंका थी कि आरोपी विदेश भी भाग सकते हैं। इसे देखते हुए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था। आरोपी इंदौर के रास्ते भोपाल गए। फिर ट्रेन से झांसी पहुंचे। झांसी से दिल्ली, फिर कसौली और उसके बाद उत्तराखंड गए। वहां से वे नेपाल के रास्ते दुबई भागने की योजना बना रहे थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद वे ग्वालियर आ गए।
भावना सिंह ने तेज आवाज में गाने बजाने का किया था विरोध
आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह ऑनलाइन सट्टा एप के माध्यम से पूरे भारत में ऑनलाइन सट्टा चलाते हैं। फ्लैट पर तलाशी करते समय वहां से 20 अलग-अलग कंपनी के मोबाइल लैपटॉप व 30 से अधिक अलग-अलग बैंक खातों की पासबुक, 50 एटीएम कार्ड मिले। जिनके आधार पर आरोपी आशु यादव, मुकुल यादव व इनके साथियों के विरुद्ध धारा-3/4 पब्लिक गेम्ब्लिंग एक्ट धारा 318(4) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
इस पूरी कार्यवाही में थाना प्रभारी लसूडिया तारेश कुमार सोनी, उप निरीक्षक अरुण मलिक, उप निरीक्षक संजय बिश्नोई, उप निरीक्षक सचिन आर्य, सहायक उप निरीक्षक भूपेन्द्र गुर्जर, सहायक उप निरीक्षक प्रवेश बिसेन, प्रआर आजय प्रजापति, प्रआर नीरज रघुवंशी, प्रआर प्रणीत भदौरिया, प्रधान आरक्षक नरेश चौहान, आरक्षक दिनेश गुर्जर, आरक्षक आनंद जाट, आकाश त्रिवेदी, रामकुमार मीणा, राधे राठौर, सुभाष चंदेल और साइबर सेल जोन 2 से आरक्षक प्रवीण की महत्वपूर्ण भूमिका रही।