Indore Pigdambar Case : 4 करोड़ न देने पर की थी 6 साल के बच्चे की हत्या , 2 आरोपियों को मौत की सजा , ​​​​​​​16 महीने में फैसला

मध्यप्रदेश में इंदौर में अपहरण के बाद 4 करोड़ की फिरौती मांगी, फिरौती न देने पर कांग्रेस नेता के 6 साल के बेटे की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में इंदौर जिला कोर्ट ने दो आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है, वहीं एक आरोपी को बरी कर दिया है। 

Advertisment
author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. मध्यप्रदेश में इंदौर जिला कोर्ट ने अपहरण के बाद हत्या के 2 आरोपियों को मौत की सजा  सुनाई है। इंदौर के पिगडंबर में 4 करोड़ रुपए की फिरौती नहीं देने पर कांग्रेस नेता के बेटे हर्ष चौहान (6) की हत्या पर ये फैसला सुनाया है। दो आरोपियों को मृत्युदंड दिया है। एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। घटना 5 फरवरी 2023 को हुई थी। वकील आशीष शर्मा ने बताया मुख्य आरोपी विक्रांत और ऋतिक को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य आरोपी हरिओम को दोषमुक्त कर दिया है। बता दें कि हर्ष के पिता जितेंद्र चौहान कांग्रेस के नेता हैं।

पकड़ाने का डर से कर दी थी अपहृत हर्ष की हत्या

इंदौर के पिगडंबर में 5 फरवरी 2023 को 4 करोड़ की फिरौती के लिए 6 साल के हर्ष की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी रिश्तेदार ऋतिक (पिगडंबर), उसका दोस्त विक्रांत (राऊ), हरिओम (शाजापुर) और ऋतिक के छोटे भाई को गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि ऋतिक और विक्रांत ने बच्चे हर्ष को कार में बैठाने के बाद उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा और टेप लगाकर उसका मुंह बंद कर मारा था। घटना का मास्टरमाइंड ऋतिक मृत बच्चे के पिता जितेंद्र के भांजे का भांजा ही है जो पिगडंबर में ही अलग कमरे में रहता था। बावजूद, ऋतिक ने अपने दोस्त विक्रांत के साथ मिलकर कांग्रेस नेता जितेंद्र के बेटे हर्ष का अपहरण किया और उसकी जान ले ली। वह 4 करोड़ रुपए फिरौती में चाहता था, लेकिन जब पकड़ाने का डर हुआ तो अपहृत बच्चे हर्ष की हत्या कर दी।

ये खबर भी पढ़ें...

89 दिनों बाद कैबिनेट मीटिंग, एक्टिव मोड में आएगी मोहन सरकार, मंजूर होंगे करोड़ों के प्रोजेक्ट

आवेदन के बाद केस महू से इंदौर ट्रांसफर किया था 

इस हत्याकांड पर फैसला मार्च में ही आ सकता था क्योंकि आरोपी ऋतिक एक कबूलनामा पेश कर चुका था। जब फैसले में देरी हुई तो हर्ष के पिता जितेंद्र चौहान ने जिला कोर्ट में आवेदन किया। इसमें कहा था कि 'यह प्रकरण क्रमांक 30/2023 अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में लंबित है। केस का जल्द निराकरण नहीं किया जा रहा है। इससे फरियादी को न्याय मिलने में देरी हो रही है। पहले भी न्याय के लिए गुहार लगाई गई। न्यायालय से न्याय हित में निवेदन है कि आवेदन पत्र स्वीकार कर केस को अन्य न्यायालय में ट्रांसफर करने का आदेश पारित करने की कृपा करें।' इसके बाद केस को जिला कोर्ट ने महू से हटाकर विशेष न्यायालय इंदौर में ट्रांसफर कर दिया था। सोमवार को इस पर फैसला सुना दिया गया है।

मैं पूरे होश में अपना अपराध स्वीकार करता हूंः आरोपी 

सुनवाई के दौरान आरोपी ऋतिक ने सहानुभूति हासिल करने के लिए एक कबूलनामा भी पेश किया था। इसमें उसने कहा था कि “मैं अपना अपराध स्वीकार करता हूं। हर्ष का अपहरण पुरानी रंजिश और फिरौती के लालच में किया था। दुर्घटना वश हर्ष की जान चली गई। पूरी घटना को मैंने अंजाम दिया है। घटना में विक्रांत ठाकुर और हरिओम वाघेला (साथी आरोपी)का कोई हाथ नहीं है। मैंने विक्रांत के नशे का आदी होने की कमजोरी का फायदा उठाया। ये बात मैं अपने पूरे होश और बिना किसी दबाव के कह रहा हूं।” इसी सात पन्ने के कबूलनामे पर सरकारी वकील को शक हुआ। उसने कोर्ट से कहा था कि यह कबूलनामा सहानुभूति बंटोरने की कोशिश है और संदिग्ध भी..। इसके सिर्फ दस्तखत आरोपी से मेल खाते हैं। बाकी चिट्‌ठी की राइटिंग अलग ही है। चिट्‌ठी की जांच होनी चाहिए कि यह किसने लिखी? इसी संदेह के बाद जेलर से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसके जवाब में यह बात साफ हो गई है कि सरकारी वकील का शक सही था।

फांसी होने पर ही हर्ष की आत्मा को शांति मिलेगीः मां 

मामले में मृतक हर्ष के परिवारजनों की तरफ से घटना के बाद आरोपी को फांसी देने की मांग की गई थी। मां रंजना ने कहा था कि आरोपियों को फांसी होने पर ही हर्ष की आत्मा को शांति मिलेगी। वो जेल में रोटी खा रहे और हम मां-बाप रोज मर रहे।

Indore Pigdambar Case, इंदौर पिगडंपर केस, इंदौर मर्डर केस, Indore murder case, इंदौर किडनेपिंग केस, Indore Kidnapping Case

Indore Pigdambar Case Indore Murder Case Indore Kidnapping Case इंदौर किडनेपिंग केस इंदौर मर्डर केस इंदौर पिगडंपर केस 2 आरोपियों को मौत की सजा इंदौर जिला कोर्ट कांग्रेस नेता जितेंद्र के बेटे हर्ष