सोनम ने फरारी के लिए चुना राज की बहन का फतेहपुर गांव का घर, वहां से गाजीपुर का काशी ढाबा था 350 किलोमीटर

सूत्रों के मुताबिक मेघालय पुलिस की पूछताछ में सोनम और राज ने खुलासा किया है कि राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर आई थी। उसके बाद 25 और 26 मई को वह देवासनाका स्थित किराए के मकान पर रुकी थी।

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Vishwanath Singh
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इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड के सभी आरोपी पुलिस के हाथ लग चुके हैं। पुलिस रिमांड में वे नई–नई जानकारियां दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें एक और नई जानकारी सामने आई है कि राज ने सोनम को कुछ दिन अंडरग्राउंड रखने के लिए फतेहपुर में रहने वाली अपनी बहन के घर भेज दिया था।

सोनम दो दिन देवासनाका वाले मकान में रुकी

सूत्रों के मुताबिक मेघालय पुलिस की पूछताछ में सोनम और राज ने खुलासा किया है कि राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर आई थी। उसके बाद 25 और 26 मई को वह देवासनाका (इंदौर) स्थित किराए के मकान पर रुकी थी। फिर यहां से वह एक टैक्सी के जरिए गाजीपुर में राज की बहन के घर चले गई थी। इसके लिए उसने टैक्सी वाले को किराए के रूप में 30 हजार रुपए दिए थे। 

राज कारखाने में लेट आता था तो गोविंद ने डांटा था

इस दौरान 25 और 26 मई को सोनम इंदौर के देवासनाका वाले किराए के मकान में ठहरी थी। उसी दौरान राज भी सुबह कारखाने में देरी से पहुंचता था। इसकी जानकारी एचआर ने गोविंद को दी थी और बताया था कि राज पिछले कुछ दिनों से कारखाने में लेट आ रहा है। इसको लेकर गोविंद ने राज को फटकार भी लगाई थी। सूत्रों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि राज उस दौरान सोनम से मिलने जाता था और फिर वहां से काम पर लौटने में उसे देर होती थी। 

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सोनम और राज के पास तैयार था बैकअप प्लान

राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी के मुताबिक सोनम रघुवंशी की राज कुशवाह ने फरारी में मदद की है। इंदौर में रुकने के बाद सोनम उप्र में कानपुर के फतेहपुर में रहने वाली राज की बहन के घर में रुकी है और राज के रिश्तेदारों के साथ रही। उसकी तीन लोगों ने मदद की है। सोनम और राज ने पकड़े जाने पर अपहरण और लूटपाट का बैकअप प्लान भी तैयार कर रखा था।

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महज 350 किलोमीटर ही था ढ़ाबा इसलिए चुना

सूत्रों के मुातबिक राज और सोनम ने तो फरारी को लेकर प्लान बनाया था वह काफी सटीक था। प्लान के मुताबिक सोनम को राज के गांव में तब तक रुकना था, जब तक कि यह पुलिस कार्रवाई ठंडी ना हो जाए। उसके बाद मौका पाकर इंदौर से राज गाजीपुर पहुंचता और राज की बहन के गांव फतेहपुर से सोनम वहां पहुंच जाती। इसके लिए लिए दोनों ने बीच की कोई ऐसी लोकेशन को चुना, जहां पर कि दोनों आसानी से पहुंच सकें। बताते हैं कि हाईवे के इस ढ़ाबे पर ज्यादा चहल–पहल नहीं रहती है। इसी कारण से राज के साथियों ने जब इसकी रैकी की तो इसे अपने प्लान के मुताबिक उपयुक्त बताया था। हालांकि राज के पकड़े जाने से प्लान गड़बड़ा गया और फिर सोनम को प्लान बी एक्टिवेट करना पड़ा। उसी प्लान बी के तहत सोनम दो लोगों के साथ गाजीपुर के काशी ढ़ाबे पर पहुंच गई और यहां अपने अपहरण और लूटपाट की कहानी सुना दी।

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एक महिला ने वाराणसी में देखा था सोनम को

सूत्रों के मुताबिक सोनम को जब राज कुश्वाह और उसके साथियों के पकड़े जाने की खबर मिली तो उसे दो लोगों ने रात में ही गाजीपुर के काशी ढ़ाबे से कुछ पहले छोड़ दिया था। एक महिला ने सोनम को दो लोगों के साथ वाराणसी में देखा है। विपिन के मुताबिक मुझे आशंका है कि राज के अलावा भी नया किरदार है जो अभी तक सामने ही नहीं आया है।

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