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इंदौर के सांवेर में नई बात सामने आई है। यहां पर रिश्वत के आरोप में लोकायुक्त पुलिस ने सरकारी स्कूल की जिस प्रिंसीपल मनीषा पहाड़िया को ट्रैप किया था। वही प्रिंसीपल अगले ही दिन स्कूटी बांटती दिखीं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मैसेज वायरल हो रहे हैं। जिसमें कहा जा रहा है कि हम तो इन्हें ईमानदार मानते थे।
एक दिन पहले रिश्वत लेते पकड़ाई
लोकायुक्त की टीम ने बुधवार को सांवेर के उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य मनीषा पहाड़िया को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया था। कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। इस घटनाक्रम में एक शिक्षक की प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा चर्चा में रही। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा अगर मनीषा मैडम भी रिश्वत ले सकती हैं तो फिर सभी ले सकते हैं। मैं तो उन्हें सबसे ईमानदार प्राचार्य मानता था। उसके बाद उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। इसमें प्रिंसिपल मनीषा पहाड़िया स्कूटी वितरित कर रही हैं।
इस तरह हुआ खुलासा
फरियादी आशीष मारू (40), उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1, शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया, सांवेर ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि उनकी परिवीक्षा अवधि अक्टूबर 2024 में पूरी हो चुकी थी। इसके बाद स्थाई नियुक्ति की फाइल प्राचार्य मनीषा पहाड़िया के पास भेजी गई।
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2 हजार रुपए की रिश्वत मांगी
आरोप है कि मनीषा पहाड़िया ने उनकी और एक अन्य शिक्षक महेश गोयल की फाइल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेजने के एवज में 2 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। शिकायत का सत्यापन होने के बाद 10 सितंबर को ट्रैप दल बनाया गया। इसी दौरान प्राचार्य को आवेदक से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
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ट्रैप दल में ये अधिकारी थे शामिल
इस कार्रवाई में निरीक्षक रेनू अग्रवाल, एएसआई रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक चंद्रमोहन बिष्ट, कमलेश परिहार, महिला आरक्षक कंचन राजपूत, गोपाल कंवर और चालक शेरसिंह शामिल रहे।
शिक्षक की पोस्ट ने खोला सिस्टम का दर्द
एक शिक्षक ने दुखी होकर सोशल मीडिया पर कहा कि मैं इंदौर के 10-12 प्राचार्य में से 1 मनीषा मैडम को भी ईमानदार और अच्छा प्राचार्य मानता था और जब मनीषा मैडम भी रिश्वत लेते पकड़ी गए तो फिर तो सबको लेने का अधिकार हैं l अब इस शिक्षा विभाग का भविष्य पता नहीं क्या होगा. अधिकारी से लेकर प्राचार्य, और बाबू भी रिश्वत ले तो फिर अंजाम तो यही होगा. यह पुराने शिक्षक नहीं हैं की देकर भी बात को हजम कर जाते थे l यह नया वर्ग हैं जो कुछ भी सहन करने को तैयार नहीं हैं और ऐसे ही विभाग सुधरेगा भी। आज बहुत दुख हो रहा हैं।
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