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इंदौर पुलिस एक बार फिर पिट गई, पीटने वाला जेल प्रहरी और उसके दोस्त थे और पिटने वाला एसआई (सब इंस्पेक्टर)। सभी ने मिलकर एसआई को जमकर पीटा। ना सिर्फ पीटा, बल्कि जीप में बैठाया, हाथ-पैर जुड़वाए और वायरलेस सेट छीना। बाद में एसआई को एफआईआर के लिए भी अपनी पुलिस के सामने गिड़गिड़ाना पड़ा और 15 घंटे बाद केस दर्ज हुआ। पिटने वाले एसआई ने सेट पर मदद मांगी थी, वह भी नहीं मिली। इस घटना में अब डीजीपी की प्रतिक्रिया आई है। उधर कांग्रेस ने इसके बहाने सीएम डॉ. मोहन यादव पर तंज कसा है, क्योंकि वह सीएम हैं, गृहमंत्री हैं और इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।
यह बोले डीजीपी
डीजीपी कैलाश मकवाना ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह घटना दुर्भाग्यजनक है और सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी यह बोले
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर में 'थर्ड-डिग्री' की सिक्योरिटी है! मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और प्रभारी मंत्री! फिर भी गुंडे पुलिस को पीट रहे हैं! @DrMohanYadav51 जी, भोपाल-इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया ₹910 है! कभी समय निकालिए! कानून व्यवस्था भले ही ठीक न हो, लेकिन वीडियो जरूर अच्छा बन जाएगा!
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यह हुई थी घटना
बाणगंगा थाने में पदस्थ एसआई तेरेश्वर इक्का ड्यूटी पर थे। इसी दौरान वहां जीप में बैठे चार लोग शराब पी रहे थे। एसआई ने इन्हें रोका तो विवाद करने लगे। इसमें जेल प्रहरी जोबट जेल के विकास डाबी व अन्य तीन दोस्त थे। ये सभी एसआई पर धौंस जमाने लगे कि हमें रोकेगा। फिर उनका बैज और वायरलेस सेट छीना और फिर जमकर पीटा। डाबी और दोस्त यही नहीं रुके, उन्होंने एसआई इक्का को जीप में बैठाया और फिर मारपीट करते हुए माफी मंगवाई। मेट्रो में काम करने वाले कर्मचारियों को बुलवाया और एसआई पर वसूली के आरोप लगाए। फिर उसे छोड़कर भाग गए।
आरोपियों ने उन्हें नकली पुलिस बताया और जमकर पीटा, गालियां दीं। जब विवाद शुरू हुआ तो एसआई ने सेट पर मदद भी मांगी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। बाद में एफआईआर के लिए भी वह कई घंटे परेशान हुए। बाद में डाबी और उसके दोस्तों को पकड़ा गया और शासकीय काम में बाधा व मारपीट का केस दर्ज हुआ।
इंदौर में लगातार पिट रही पुलिस
इंदौर में अब पुलिस ही सेफ नहीं है। यह पहला वाकया नहीं है। ट्रैफिक पुलिस तो लगातार पिट रही है। एक एएसआई ट्रैफिक के पैर पर कार चढ़ाकर कार चालक ले गया। एक मंत्री के समर्थक गुंडे के बेटे ने रोबोट चौराहे पर जवान को पटककर मारा था और शराब के नशे में जमकर अभद्र व्यवहार किया। नगर निगम चौराहे पर सितंबर में ट्रैफिक एसआई के साथ झूमाझटकी हुई थी और वर्दी फट गई थी।
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डीआईजी की कार पर भी कर दिया था हमला
इसके पहले स्टार चौराहे के पास अक्टूबर 2024 में नारकोटिक्स डीआईजी महेशचंद्र जैन की कार पर ही वाहन चालक ने हमला कर दिया था।
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गुंडों की करो पिटाई, मत बढ़ाओ इनके भाव
पुलिस हाईप्रोफाइल मामलों में जिस तरह से दबी हुई है, उसके बाद ही गुंडों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। चाहे मामला जीतू यादव उर्फ जाटव का हो या फिर पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के बेटे के शोरूम पर तोड़फोड़ व पोते के साथ मारपीट का या फिर मंत्री के करीबी कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी का। सभी मामलों में पुलिस की घिग्घी बंधी रही।
गुंडे खुलकर सोशल मीडिया पर अपने हथियारों के साथ प्रचार कर रहे हैं, हूटर लगी गाड़ियों से घूम रहे हैं और खुलकर पोस्टर, विज्ञापन छपवा रहे हैं। हालत तो यह है कि इन पोस्टरों में अब नेताओं के साथ ही सीएम की भी फोटो खुलकर लगाई जा रही है। पुलिस केवल रात को सड़कों पर दिखावटी चेकिंग और बुलेट के साइलेंसर में लगी है। आईपीएस संतोष सिंह से जो सख्ती की उम्मीदें थीं, वह हाईप्रोफाइल मामलों में धरी रह गई हैं। छोटे गुंडों के जुलूस तक ही दबंगई सीमित रह गई है, जबकि बड़े गुंडे, खासकर राजनीतिक संरक्षण वाले, खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें पुलिस का कोई खौफ नहीं है।
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