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INDORE. इंदौर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में गायब मिले 5.68 लाख मतदाताओं की सूची का खुलासा हुआ है। इसके बाद अब कांग्रेस ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने इसे लेकर सोमवार 8 दिसंबर को हस्ताक्षर अभियान शुरू करते हुए कई मांगें सामने रखी हैं। इनमें सबसे अहम है कि जो मतदाता गायब हैं, उनकी सूची सार्वजनिक की जाए।
यह भी मांग की गई है-
कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। इस दौरान इंदौर में नौ में से नौ विधानसभा सीटें बीजेपी ने जीती थीं।
इस जीत के दौरान 4.17 लाख वोट थे। वहीं, अब 5.68 लाख मतदाता गायब हैं। ऐसे में शंका पैदा होती है। इसलिए हमारी मांग है कि गायब मतदाताओं के नाम सामने लाए जाएं। इससे यह साफ होता है कि वोटों की हेराफेरी की जा रही है।
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सभी प्रपत्र जब्त किए जाएं
कौशल और रवि गुरनानी ने मांग की है कि सभी गायब मतदाताओं के दस्तावेज जब्त किए जाएं। यह जब्ती तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी/कलेक्टर के जरिए की जाएं। उनका कहना है कि इनका बेजा उपयोग हो सकता है। मतदाता सूची की शुद्धता के लिए यह जरूरी है कि पूरी सूची सार्वजनिक हो।
साथ ही, SIR की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी चरण जनता के सामने आएं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मतदाता सूची लोकतंत्र की आधारशिला है। यदि इसमें गड़बड़ियां होंगी तो चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि प्रशासन ने यदि जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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इंदौर में एसआईआर की खबर पर एक नजर...
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मैपिंग में 21.21 लाख ही मिले
भले ही इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी को 23.08 लाख मतदाताओं के फार्म भरकर मिले हैं, इनमें से 21.45 लाख ही मैपिंग में आए हैं। करीब नौ लाख मतदाता ऐसे हैं जो साल 2003 की SIR सूची में भी मतदाता के तौर पर थे।
बाकी 12 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे हैं जिनके कोई परिजन इस 2003 की सूची में मौजूद थे। वहीं 1.63 लाख मतदाता इस तरह की दोनों मैपिंग पेश नहीं कर सके हैं। इन्हें ही यह नोटिस जारी होंगे।
इन 1.63 लाख को मिलेंगे नोटिस
इंदौर के 28.67 लाख मतदाताओं में से 23.08 लाख के फार्म भरकर वापस मिले हैं। वहीं, इसमें से 1 लाख 63 हजार मतदाता ऐसे हैं जिनकी मैपिंग नहीं है। यानी कि ऐसे मतदाता जिनके खुद के या फिर उनके परिजनों के नाम साल 2003 की मतदाता सूची में नहीं पाए गए हैं।
ऐसे में इन मतदाताओं को नोटिस जारी होंगे। फिर उन्हें 11 दस्तावेजों में से एक भरकर देना होगा। इसके बाद उनकी मैपिंग होगी। दस्तावेज नहीं देने पर मतदाता सूची से नाम हटा दिया जाएगा।
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