इंदौर में पिता से फिरौती के 3 लाख के लिए बेटे ने रची खुद के अपहरण की साजिश, पकड़ा गया
बाणगंगा थाना क्षेत्र में 20 वर्षीय युवक यश राठौर का अपहरण कर तीन लाख रुपए की फिरौती की मांग का मामला सामने आया है। फरियादी आनंद राठौर ने अपने बेटे के लापता होने और फिरौती की कॉल आने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई थी।
इंदौर में एक बेटे ने अपने परिवार के साथ ही कांड कर डाला। उसने तीन दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रची और पिता से फिरौती के लिए 3 लाख रुपए की मांग कर डाली। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें पकड़ लिया है। टीम द्वारा 16 घंटे में ही आरोपियों को पकड़ने पर पुलिस के वरिष्ठ अफसरों ने नगद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है।
यह है पूरा मामला
बाणगंगा थाना क्षेत्र में 20 वर्षीय युवक यश राठौर का अपहरण कर तीन लाख रुपए की फिरौती की मांग का मामला सामने आया है। फरियादी आनंद राठौर ने अपने बेटे के लापता होने और फिरौती की कॉल आने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
16 घंटे में ही टीम ने पकड़ा आरोपियों को
मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह और डीसीपी हंसराज सिंह के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी सियाराम सिंह गुर्जर ने किया। इस टीम में साइबर क्राइम यूनिट और आसूचना इकाई की भी मदद ली गई। लगातार प्रयास और करीब 16 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने यश राठौर को सुपर कॉरिडोर सर्विस रोड के पास एक सुनसान इलाके से सकुशल बरामद किया। पुलिस ने मौके से एक कार (MP09DU5842) भी जब्त की है।
अफसरों ने बताया, कैसे 16 घंटे में ही पकड़ लिया आरोपियों को
इन आरोपियों को पकड़ा पुलिस ने
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
राहुल मेहरा (25) – निवासी पंचम की फेल, इंदौर
आदर्श चक्रवर्ती (22) – मूल निवासी खंडवा, हाल निवासी भागीरथपुरा, इंदौर
धर्मेंद्र लोधी (35) – निवासी शिवपुरी, हाल निवासी नंदा नगर, इंदौर
युवक यश राठौर के कथित अपहरण और फिरौती मांगने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पूछताछ में पता चला कि यश राठौर ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी, जिसमें उसके तीन दोस्त भी शामिल थे। पुलिस पूछताछ में यश ने बताया कि वह फाइनेंस का काम करता है, लेकिन महंगे शौक और गैर-जिम्मेदार खर्चों की वजह से वह करीब दो लाख रुपये के कर्ज में डूब गया था। पैसे की तंगी के चलते उसने परिवार को बिना बताए अपनी एर्टिगा कार (MP09DV8062) को एक लाख रुपये में गिरवी रख दी और घर वालों से झूठ बोल दिया कि कार को नगर निगम ने अटैच कर लिया है।
उसने पुलिस को बताया कि कर्जदार लगातार पैसे मांग रहे थे, जिससे परेशान होकर यश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बनाई। योजना के मुताबिक, राहुल मेहरा ने यश के परिवार से तीन लाख रुपये की फिरौती की मांग की। आरोपी आदर्श चक्रवर्ती परिजनों और पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख रहा था, जबकि धर्मेंद्र लोधी पूरी योजना में उनका सहयोगी था।
इस मामले में पकड़े गए राहुल मेहरा के खिलाफ पहले से ही इंदौर के कई थानों में 13 अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तुकोगंज, एमआईजी, लसूडिया, खजराना, कनाडिया और तिलक नगर जैसे थाने शामिल हैं। यश ने राहुल को जानबूझकर शामिल किया, ताकि प्लान ज्यादा असली लगे।
उपरोक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी सियाराम सिंह गुर्जर के मार्गदर्शन में उनि अभिरुचि कनौजिया, उनि ईश्वरचंद राठौर, प्रआर चरण सिंह, आरक्षक हीरामणी, मालाराम, रामकुमार त्यागी, नागेंद्र सिंह पंवार, कुलदीप, रामवीर जादौन, सैनिक सुमित, सायबर क्राईम टीम जोन-03 के आरक्षक विकास, अमित, अंकित का महत्वपूर्ण योगदान रहा। पुलिस उपायुक्त जोन-03 द्वारा समस्त टीम को नगद पुरस्कार से पुरुस्कृत किये जाने की घोषणा की है।
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