सौतेला पिता करता था बच्ची से छेड़छाड़, मां-बेटी 13 घंटे थाने में बैठी रहीं, सुनवाई न होने पर दूसरे राज्य में दर्ज कराया केस

इंदौर में सौतेला पिता अपनी आठ साल की बेटी से लगातार छेड़छाड़ कर रहा था, लेकिन पलासिया पुलिस ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। मां-बेटी को 13 घंटे थाने में बैठने के बाद दूसरे राज्य में रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी।

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Amresh Kushwaha
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राहुल दवे @ INDORE

इंदौर में पुलिस जनसुनवाई में मंगलवार को एक मां-बेटी की फरियाद ने पुलिस तंत्र की संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं, नाबालिग से जुड़े गंभीर अपराध में पलासिया पुलिस की लापरवाही भी उजागर हो गई है।

जनसुनवाई में पहुंची महिला ने आरोप लगाया कि उसकी आठ साल की बेटी के साथ सौतेला पिता महीनों से गलत हरकतें कर रहा था। वहीं, जब वह रिपोर्ट दर्ज कराने थाना पलासिया पहुंची तो वहां 13 घंटे तक बैठी रहीं, फिर भी सुनवाई नहीं हुई।

इस पर वह दूसरे राज्य (अपने मायके) में पहुंची। वहां पर जीरो पर प्रकरण दर्ज कराया। इसके बाद यहां असली एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही थी।

थक-हारकर जब मां-बेटी ने जनसुनवाई में अफसरों के सामने गुहार लगाई, तब जाकर पूरा मामला खुला। अफसरों ने तत्काल जांच अधिकारी बदला और असली प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया।

घटना की पूरी कहानी

महिला ने बताया कि वह कुछ समय पहले ही अपनी बेटी के साथ इंदौर लौटी थी। उसकी यह दूसरी शादी हुई है। वहीं, पति की भी यह दूसरी शादी है। महिला की एक 8 साल की बेटी है। आरोप है कि सौतेला पिता उनकी 8 वर्षीय बच्ची के साथ लगातार गलत स्पर्श और छेड़छाड़ करता था।

जब इसका पता चला तो वह 21 सितंबर को बेटी को लेकर पलासिया थाना पहुंची, लेकिन वहां कथित रूप से कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्हें सिर्फ एक औपचारिक आवेदन देकर घर भेज दिया गया।

इसके बाद वह बेटी को लेकर अपने गृहक्षेत्र औरंगाबाद चली गई। यहां पर उसने पति के खिलाफ पाक्सो और अन्य धाराओं में जीरो पर केस दर्ज कराया। वहां से केस ट्रांसफर होने पर पलासिया पुलिस ने असल कायमी की, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई और पुलिस जांच की बात कहती रही।

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जनसुनवाई में खुला मामला

मंगलवार, 29 अक्टूबर को जब महिला अपने परिजनों के साथ जनसुनवाई में पहुंची, तो उसने अफसरों के सामने रोते हुए बताया कि हम 13 घंटे थाने में बैठे रहे, पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।

इस पर जोन-3 के डीसीपी राजेश व्यास ने तत्काल जांच के आदेश दिए। साथ ही, मामले को गंभीर मानते हुए एसआई स्तर के अधिकारी को जांच से हटाकर नया अधिकारी नियुक्त किया।

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टीआई-एसआई से छिनी जांच

पाक्सो एक्ट के मामले में गंभीरता से जांच नहीं करने पर अधिकारी नाराज दिखाई दिए। पलासिया टीआई सुरेंद्रसिंह रघुवंशी व एसआई जगदीश मालवीय को डीसीपी ने फटकारा और दोनों से जांच भी छिनकर महिला एसआई को सौंपी है।

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आरोपी को किया गिरफ्तार

डीसीपी व्यास ने बताया कि महिला की शिकायत पर अब असली एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा- थाना पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी पीड़ित महिला की शिकायत को नजरअंदाज न किया जाए।

पलासिया थाने में प्रारंभिक स्तर पर लापरवाही हुई थी, इसलिए जांच अधिकारी को तत्काल बदला गया है। पुलिस ने पाक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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संवेदनशील मामलों में जीरो टॉलरेंस- डीसीपी

डीसीपी राजेश व्यास ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा है कि हमारी प्राथमिकता पीड़ित की सुरक्षा और न्याय है। किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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