इंदौर में क्रांतिवीर टंट्या प्रतिमा के पास झंडे पर JAYAS और BJP वनवासी परिषद में बड़ा विवाद

इंदौर में आदिवासी संगठन जयस और बीजेपी के वनवासी कल्याण परिषद के बीच झंडों को लेकर विवाद हुआ। क्रांतिवीर टंट्या भील की प्रतिमा के पास जयस ने झंडे हटाने का विरोध किया। उन्होंने इसे आदिवासी अस्मिता से जोड़ा।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

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Indore. इंदौर के भंवरकुंआ पर क्रांतिवीर टंट्या भील की प्रतिमा के पास झंडों को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद आदिवासी संगठन जयस और बीजेपी (BJP) के वनवासी कल्याण परिषद के बीच हुआ है। विवाद जयस से झंड़े हटाने के बाद खड़ा हुआ।

आरोप है कि यह परिषद द्वारा हटाए गए हैं। यहां चार दिसंबर को क्रांतिवीर टंट्या भील के शहादत दिवस पर आयोजन होना है। इस आयोजन के लिए बीजेपी के मंत्री कुंवर विजय शाह आ रहे हैं। 

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इस तरह खड़ा हुआ विवाद

जबसे यहां पर प्रतिमा स्थापित हुई है, जयस (Jayas) ने अपने झंडे लगा रखे हैं। लेकिन, एक दिन पहले जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा और जयस छात्र संगठन अध्यक्ष पवन अहिरवार का परिषद के आदित्य के साथ विवाद हुआ। आरोप है कि परिषद झंड़े हटाने की बात कह रहे थे, जिसका जयस द्वारा विरोध किया गया। इस झंडे को आदिवासियों की अस्मिता से जोड़ा गया और कहा कि ये झंडे हमारे स्वाभिमान के प्रतीक हैं।

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बुधवार को हट गए झंडे, दी चेतावनी

वहीं इसी बीच बुधवार को यहां से जयस के झंडे हट गए। यह बात जब जयस तक पहुंची तो वह भयंकर भड़क गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर मैसेज जारी कर साफ कह दिया कि झंडे नहीं लगे तो हम सड़कों पर उतरेंगे और शहादत दिवस पर काले झंडे दिखाए जाएंगे। इसे सहन नहीं किया जाएगा। गुरुवार सुबह सात बजे तक हमारे झंडे नहीं लगे तो हम नेताओं का खुला विरोध करेंगे।

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बीजेपी को खुली चुनौती

मुजाल्दा और अहिरवार ने कहा कि यह क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील चौराहा जयस की जन क्रांति, जागरूकता के कारण बन पाया है इस बात को बीजेपी और वनवासी कल्याण परिषद बिल्कुल ना भूले। झंड़े तुरंत ससम्मान दोबारा लगाया जाए। ये झंडा हमारे स्वाभिमान, हमारी पहचान और हमारे संघर्ष का प्रतीक है। अगर झंडा वापस नहीं लगाया गया, तो हम इंदौर में किसी भी बीजेपी के कार्यक्रम को नहीं होने देंगे।

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