इंदौर के राऊ-देवास बायपास पर स्थित टोल पर मंत्री समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ कर डाली। बताया गया कि आरोपी मारुति 800 कार का टोल नहीं देना चाहते थे। इस पर कार चालक ने फोन पर किसी से बात भी कराई, लेकिन टोल माफ नहीं हुआ तो उन्होंने फोन करके अपने अन्य 10 से 12 साथियों को बुला लिया। उसके बाद टोल के केबिन में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की गई। मामले में टोल कंपनी की तरफ से क्षिप्रा थाने में शिकायत हुई है।
विवाद कार को टोल फ्री करने का था
सूत्रों के मुताबिक राऊ-देवास बायपास पर इंद्रदीप कंपनी टोल संभाल रही है। यहां पर शुक्रवार की रात एक कार चालक ने टोल कर्मचारी से फोन पर मंत्री समर्थक से बात करवा कर अपनी कार को बिना टोल दिए जाने का कहा। इस पर टोल कर्मचारी ने यह कहते हुए कार चालक को मना कर दिया कि टोल तो देना पड़ेगा। इस पर दाेनों के बीच बहस भी हो गई। बस फिर क्या था कार चालक ने फोन करके अपने समर्थकों को टोल पर बुला लिया।
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कई गाड़ियों से पहुंचे आरोपी, टोल गेट व कम्प्यूटर तोड़े
घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। इसमें विवाद के बाद कई गाड़ियों से स्वयं को मंत्री समर्थक बताते हुए लोग पहुंचे और उन्होंने टोल कर्मचारियों से विवाद करते हुए तोड़फोड़ कर दी। वे टोल के केबिन में घुसे और वहां रखे कम्प्यूटर को उठाकर बाहर सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान वहां से गुजरने वाली गाड़ियां बिना टोल दिए ही गुजरती रहीं।
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टीआई बोले समझौता हो गया,
घटना को लेकर क्षिप्रा टीआई का कहना है कि हमारे पास टोल कंपनी की तरफ से टोल पर तोड़फोड़ को लेकर शिकायत का आवेदन आया है। इस पर हमने दोनों पक्षों को बात करने के लिए बुलाया है। अभी तक दोनों पक्षों में से कोई भी हमारे पास नहीं आया है। हालांकि ऐसी जानकारी मिली है कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। तोड़फोड़ करने वाले लोगों के एक मंत्री समर्थक होने की बात पर टीआई का कहना है कि ऐसा नहीं है, वे आसपास के गांव के ही लोग हैं।
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कंपनी अफसर बोले एफआईआर कराएंगे
वहीं, टोल कंपनी का कहना है कि घटना के सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं। आरोपियों ने काफी बुरी तरह से तोड़फोड़ की है। साथ ही जिस टोल मैनेजर ने कार को टोल माफ करने से मना किया था वह घटना के बाद काफी डरा हुआ है और काम पर वापस ही नहीं लौटा है। अभी मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं हुआ है। हम घटना को लेकर आरोपियों पर एफआईआर कराएंगे। इधर, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल का कहना है कि मुझे टोल कंपनी ने मामले की जानकारी दी है, लेकिन अभी तक शिकायत नहीं मिली है।
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