इंदौर के आसपास के 15 से ज्यादा पर्यटक स्थलों को आगामी 2 महीने के लिए आम जनता के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह आदेश इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जारी किया है। यह निर्णय पिछले दिनों पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा के अभाव में हुई दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया गया है। जिले के खतरनाक पर्यटक स्थलों पर पिछले पांच साल में करीब 40 लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उस पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा।
पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर जारी किया आदेश
इंदौर के आसपास के पर्यटक स्थलों पर घूमने के लिए दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। हालांकि अब वे अगले दो महीने तक इन पर्यटन स्थलों पर नहीं जा सकेंगे। महू क्षेत्र के जलप्रपातों और एकांत पर्यटन स्थलों पर अनियंत्रित भीड़, सुरक्षा जोखिम और संभावित हादसों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। यहां पर आम नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 (1)(2) के तहत जन स्वास्थ्य एवं लोक शांति की सुरक्षा के उद्देश्य से लागू किया गया है।
इन पर्यटन स्थलों पर लगा प्रतिबंध
बारिश के शुरू होते ही बड़ी संख्या में पर्यटक महू और उसके आसपास के पर्यटक स्थलों पर पहुंचने लगते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह पिकनिक स्पाट जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खतरनाक भी हैं। इन पिकनिक स्पाट पर हर साल हादसे होते हैं, जिनमें कई पर्यटक अपनी जान गंवा देते हैं। जिले के खतरनाक पर्यटक स्थलों पर पिछले पांच साल में करीब 40 लोगों की जान जा चुकी है। यह आदेश महू तहसील अंतर्गत आने वाले लोकप्रिय लेकिन जोखिम भरे और दुर्गम पर्यटन स्थलों पर लागू होगा, जिनमें ये पर्यटन स्थल शामिल हैं:
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तिंछा फॉल
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चोरल फॉल व चोरल डेम
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सीतलामाता फॉल
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कजलीगढ़, मेहंदी कुण्ड, जामन्या कुण्ड
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मोहाडी फॉल, रतबी वॉटरफॉल
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लोहिया कुण्ड, जूनापानी, चिड़िया भड़क
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बामनिया कुण्ड, जोगी भड़क और हत्यारी खो आदि।
सख्त निगरानी और कार्रवाई के निर्देश
कलेक्टर सिंह ने संबंधित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि वे इन स्थलों पर सूचना बोर्ड लगाएं, और जहां आवश्यक हो वहां भौतिक रूप से सीमा तय करें, ताकि आमजन अनजाने में प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश न कर सकें।
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आदेश का उल्लंघन किया तो आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा
साथ ही, संबंधित थाना प्रभारियों को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण दर्ज कर अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
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आपात ड्यूटीकर्मियों को रियायत
यह प्रतिबंध पुलिस, प्रशासनिक और सुरक्षा बलों के ड्यूटी पर नियुक्त कर्मियों पर लागू नहीं होगा। साथ ही, यह आदेश पहले से लागू सभी नियमों के अतिरिक्त रहेगा और तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
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क्यों उठाया गया यह कदम?
महू क्षेत्र के कई झरनों और एकांत स्थलों पर मानसून के दौरान अक्सर लोग पिकनिक या साहसिक गतिविधियों के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान अक्सर हादसे होते हैं, जिनमें जानमाल की हानि की आशंका बनी रहती है। प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह प्रतिबंधात्मक कदम उठाया है।
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