इंदौर ट्रक हादसा: क्या रोका गया ट्रक उच्च स्तर के कहने पर छोड़ा गया - सीजे

इंदौर ट्रक हादसे में चीफ जस्टिस ने सवाल किया, क्या वीआईपी कहने पर ट्रक छोड़ा गया? वहीं, मामले की गंभीरता को लेकर अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इस हादसे में 4 लोगों की मौत और 12 लोग घायल हो गए थे।

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Sanjay Gupta
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INDORE. इंदौर में हुए भयावह ट्रक हादसे की सुनवाई 9 अक्टूबर को इंदौर में लगाई गई। इसमें चीफ जस्टिस ने जो सवाल पूछा, उससे सभी के होश उड़ गए। बता दें कि हादसे में मरने वालों की संख्या चार हो गई थी। इसमें 12 लोग घायल हुए थे। मामले में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने खुद संज्ञान लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले में एक सुनवाई जबलपुर बेंच में हुई जिसमें ट्रक के इंट्री के सीसीटीवी फुटेज मांगे गए थे।

चीफ जस्टिस के सवाल पर सभी चुप

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा, जो भी सुझाव बेंच द्वारा नियुक्त एमिकस को दिए जा सकते हैं, वह सभी के सुझाव लेकर बेंच को पुटअप करेंगे। लेकिन हम यह अहम मुद्दा जानना चाहते हैं कि जो हमने इस घटना को लेकर खबरें देखी-पढ़ी हैं, उनमें कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने ट्रक को रोका था, लेकिन फिर उच्च स्तर के कहने पर इसे जाने दिया गया। इस संबंध में कोई तथ्य है, क्या यह वाकई हुआ है, और इस पर कोई जानकारी दे सकता है? इस पर सभी पक्षकारों के अधिवक्ताओं और खासकर शासकीय अधिवक्ता ने चुप्पी साध ली।

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भारी वाहनों की इंट्री टाइम और जोन का सख्ती से पालन हो

चीफ जस्टिस और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने कहा कि जो भी शहर में भारी वाहनों के प्रवेश को लेकर नो इंट्री के विभिन्न टाइम जोन, रूट को लेकर नियम और प्रतिबंध हैं, उनका सख्ती से पालन किया जाए। इसमें किसी तरह की चूक नहीं हो। भविष्य में इस तरह के हादसे रोकने के लिए यह बेहद अहम है।

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शासन से शपथपत्र भी मांगा

बेंच ने साथ ही एमिकस को दिए गए प्रारंभिक सुझाव पर कहा कि शासन इस मामले में शपथपत्र भी दे कि जो भी सुझाव आए हैं। इसमें जल्द, मध्यम और दीर्घ समय में उपाय करने हैं, वह किए जाएंगे। इसमें लगातार मॉनीटरिंग की जरूरत है, इसलिए इस केस को जबलपुर में ही रखा जाएगा। साथ ही, 10 नवंबर को फिर से सुनवाई की जाएगी।

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इन सभी अधिकारियों पर हुई थी कार्रवाई

इस मामले में मध्य प्रदेश शासन ने कई अधिकारियों को हटा दिया था। डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी के साथ ही आठ अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। इनमें एसीपी सुदेश सिंह, एएसआई बिजासन प्रभारी सुरेश सिंह, सुपर कॉरिडोर प्रभारी सूबेदार चंद्रेश मरावी और निरीक्षक सुपर कॉरिडोर से एरोड्रम तक के प्रभारी दीपक यादव को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही ड्यूटी पर तैनात चार कांस्टेबल निलंबित किए गए।

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अब जांच में सब एक-दूसरे पर ढोल रहे

इंदौर में 15 सितंबर को ट्रक एमपी 09 जेडपी 4069 ने एरोड्रम एरिया में 17 लोगों को टक्कर मारी थी। इसमें तीन की घटना के दौरान और फिर अब एक और मौत हो गई। इसकी जांच चल रही है। इसमें डीसीपी ट्रैफिक प्रभारी व जोन 4 डीसीपी आनंद कलादगी सभी के बयान ले रहे हैं।

जानकारी के अनुसार बयान के दौरान निरीक्षक दीपक यादव ने कहा कि उनका काम बल का निरीक्षण करना है। निरीक्षक अर्जुन सिंह पंवार ने कहा कि मेरा काम तो ड्यूटी लगाना था, नो इंट्री में ट्रक से मेरा कोई लेना-देना नहीं। सूबेदार चंद्रेश मरावी ने कहा कि जिस जगह से ट्रक आया वह नो इंट्री में ही नहीं है। वहीं सिपाही देवेंद्र, राहुल और विजय ने अपनी ड्यूटी बोहरा समाज के कार्यक्रम में होने की बात कही।

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