उमेश शाहरा ने बैंकों को इस तरह लगाया 58 करोड़ का चूना

सीबीआई में उमेश शाहरा के खिलाफ बैंक लोन धोखाधड़ी के एक नहीं, बल्कि कई मामले दर्ज हैं। ईडी की टीम शाहरा परिवार के घर पहुंची, वह 9 फरवरी 2021 को दर्ज 58 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले का मामला है।

author-image
Sanjay Gupta
एडिट
New Update
Indore's Umesh Shahra

Indore's Umesh Shahra Photograph: (Indore's Umesh Shahra)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
Indore : रूचि ग्रुप को स्थापित करने वाले कैलाश शाहरा का हाल ही में निधन हुआ। उनके बेटे हैं उमेश शाहरा। इन पर बैंक लोन धोखाधड़ी के एक नहीं कई केस सीबीआई में दर्ज है। गुरुवार को ईडी टीम जिस मामले में शाहरा परिवार के घर पर पहुंची वह नौ फरवरी 2021 को दर्ज किए गए 58 करोड़ का बैंक लोन घोटाला है। जिसमें बैंकों को चूना लगाने के लिए जमकर धोखाधड़ी की गई। शाहरा परिवार पर धोखाधड़ी के एक नहीं कई केस है, इनका नाम पनामा पेपर्स लीक से लेकर कोल घोटाले, बैंक फ्रॉड के कई मामले, ईओडब्ल्यू में केस कई जगह आ चुका है।

58 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में हुआ था यह केस

सीबीआई ने यूको बैंक इंदौर के डीजीएम रमेश चंद्र साहू के आवेदन पर फरवरी 2021 में यह केस धारा 120बी, 410 व 13(1) (डी) में दर्ज किया था। इसमें रुचि एक्रोनी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जो रूचि ग्रुप की ही एक कंपनी है, और नया नाम मेसर्स स्टीलटेक रिर्सोसेज लिमिटेड हो गया) के साथ ही उमेश शाहरा जो साल 2015 तक कंपनी में डायरेक्टर रहे उनके साथ ही शंभू नाथ सदावर्ती, इसिता खंडेलवाल, यामिनी जैन, प्रमोद जालानी व अन्य पर केस दर्ज किया था।
ये खबर भी पढ़ें...

इस तरह किया खेल

बैंक की जांच रिपोर्ट में आया था कि कंपनी रूचि एक्रोनी मुख्य रूप से खाद्य तेल, सोया के साथ ही अन्य मटेरियल स्टील आदि में डील करती थी। कंपनी ने बैंक क्रेडिट लिमिट का जमकर उपयोग किया लेकिन साल 2016 में वह राशि देने के मामले में अनियमित हुआ, इसके बाद साल 2018 में खाता एनपीए हो गया। जब बैंक ने इसका फायनेंस आड़िट कराया तो सामने आया कि कंपनी के पास तो ग्राहक ही फर्जी है। साथ ही कंपनी ने बैंक की क्रेडिट लिमिट का पैसा अपनी ग्रुप की ही कंपनियों और डमी कंपनियों में घुमा दिया है। कंपनी ने अपने कारोबार को फर्जी खरीदी-बिक्री के जरिए बढ़ा-चढाकर दिखाया, कंपनी के पास तो इतना कारोबार था ही नहीं कि उसे इतनी बैंक क्रेडिट मिल सके। कंपनी ने लेन-देन को जमकर घुमाया यहां तक कि जिस कंपनी को वह ग्राहक बताकर माल बेच रही थी, उसी कंपनी से वह खरीदी भी बता रही थी। जैसे एक आयरन ग्लोबल कंपनी, जिसकी शेयर में हिस्सेदारी 19 फीसदी थी, इसी से खरीदी और बिक्री दोनों बताए जा रहे थे।
the sootr
the sootr Photograph: (the sootr )
the sootr
the sootr Photograph: (the sootr )
the sootr
the sootr Photograph: (the sootr)

खेल में विदेशी कंपनियां भी शामिल

यह भी सामने आया कि इसमें कई कंपनियां जो सिंगापुर, दुबई में है उसमें भी इन्होंने फर्जी लेन-देन दिखाया और अपनी बैंक क्रेडिट को बढाने में उपयोग किया। कंपनी 67 करोड़ देनदारी बताती थी और 63 करोड़ की लेनदारी लेकिन खाते से राशि केवल 83 लाख ही विड्रा किए। पूरी राशि घुमाई गई। आखिर में खाता एनपीए हो गया। इसमें सामने आया कि कंपनी के संचालकों की मंशा शुरू से ही खराब थी और उन्होंने फर्जी कारोबार, फर्जी कंपनियां और फर्जी ग्राहक बताते हुए अपना टर्नओवर फर्जी तरीके से कई गुना ज्यादा दिखाया और इसी बैलेंस शीट के आधार पर अपनी क्रेडिट अधिक लेकर मिसयूज किया।

उमेश शाहरा पर 188 करोड़ के बैंक फ्राड का भी केस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 4 साल उमेश शाहरा सहित उसके सहयोगियों पर 188.35 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में केस दर्ज किया था। सीबीआई चार साल पहले इस मामले में शाहरा के घर पर जांच भी पहले कर चुकी है और तब रुचि ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में CBI ने छापेमारी कर उमेश के अलावा उसके सहयोगी साकेत बरोदिया और आशुतोष मिश्रा के ठिकानों पर भी जांच की थी। CBI की एफआईआर में रुचि ग्लोबल लिमिटेड के अलावा, मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी उमेश शाहरा, साकेत बरोदिया और आशुतोष मिश्रा का नाम आरोपी के रूप में दर्ज है।
the sootr
the sootr Photograph: (the sootr)

कोल घोटाले में भी ईडी में उलझे हैं शाहरा

उद्योगपति उमेश शाहरा अलग-अलग मामलों में पहले भी विवादों में रहे हैं। दो साल पहले कोल आवंटन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रुचि ग्रुप व रेवती सीमेंट प्रा. लि. के निदेशक उमेश शाहरा की 22 करो़ड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की थी। ईडी ने पीएमएलए एक्ट-2002 के तहत कंपनी के डायरेक्टर उमेश शाहरा सहित अन्य पर केस दर्ज किया था।

भूमाफिया मद्दा केस में मनीष से भी हो चुकी पूछताछ

वहीं भूमाफिया दीपक मद्दा के यहां जमीन घोटाले में ईडी द्वारा मारे गए छापे में ईडी ने मनीष शाहरा के यहां भी पूछताछ की थी। एक सोसायटी की जमीन की खरीदी-बिक्रा का मामला मनीष शाहरा से जुडा हुआ है। इस तरह शाहरा परिवार ईडी की कई जांच में उलझा पड़ा है।
Umesh Shahra रूचि ग्रुप उमेश शाहरा इंदौर MP News
Advertisment