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राहुल दवे @ INDORE. इंदौर में नगर निगम चुनाव से पहले मतदाता सूची की गड़बड़ी ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। कहीं सिर्फ 40 वोटर वाला मतदान केंद्र बना दिया गया तो कहीं 125 बूथ ऐसे हैं जहां 500 से भी कम मतदाता दर्ज हैं। सबसे चौकाने वाली बात 2000 से ज्यादा लोगों के घर का नंबर शून्य लिखा गया है।
राजनीतिक दलों ने जब वोटर लिस्ट की जांच की तो मामला खुला। आयोग को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि इंदौर में वोटर लिस्ट मनमाने ढंग से बनाई जा रही है। अब भारत निर्वाचन आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को जांच के आदेश दे दिए हैं।
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कहां हुआ गड़बड़झाला?
कनाड़िया के कर्नाटक स्कूल मतदान केंद्र (क्रमांक 1315) में वैभव नगर, संचार नगर, बैकुंठ विहार और आलोक नगर के मतदाताओं को एक साथ जोड़ दिया गया। इससे कई मतदाता गलत वार्डों में दर्ज हो गए।
पूर्व पार्षद ने खोला मामला
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने लिखा कि मतदान केंद्र बनाते समय निर्वाचन नियमों को ताक पर रखा गया है। नियम के मुताबिक, एक केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता होने चाहिए। लेकिन इंदौर में ऐसे कई केंद्र हैं जहां 500 से भी कम या 1500 से ज्यादा मतदाता दर्ज हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि वार्ड 50 का मतदान केंद्र 34 ऐसा है जहां सिर्फ 40 वोटर हैं। उन्होंने कहा, यह चुनावी नियमों के खिलाफ है और मतदाता संतुलन बिगाड़ने की कोशिश लगती है।
हरकत में आया आयोग
भारत निर्वाचन आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश चुनाव आयोग को जांच का निर्देश दिया है। फिलहाल जिले के रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
2250 में से 461 बूथ संदिग्ध
इंदौर में कुल 2250 मतदान केंद्र हैं। इनमें से 461 बूथ ऐसे हैं जहां 2000 से अधिक लोगों के पते में घर नंबर शून्य लिखा गया है। यह डेटा एंट्री की गलती नहीं, बल्कि एक सिस्टम फेल्योर माना जा रहा है जो सीधे तौर पर चुनावी पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।
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