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राहुल दवे @ INDORE
इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद अब जांच में कुछ चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ है। पुलिस की लापरवाही और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की जिम्मेदारियों की अनदेखी दोनों ही सामने आई हैं।
जांच में यह भी पता चला कि कुछ विदेशी खिलाड़ी बिना किसी सूचना के पब और बार में गईं, जो सुरक्षा प्रोटोकॉल की साफ-साफ अनदेखी थी। वहीं मामले में पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है, उसे जानकर तो आपके होश ही उड़ जाएंगे।
आप भी सोचेंगे कि इतना बड़ा शहर इंदौर, जो सफाई के मामले में नाम कमा चुका है। क्या यहां महिलाओं की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं हो सकती?
इस मामले में द सूत्र एक ऐसा खुलासा करने जा रहा है, जिसे जानने के बाद आप भी सन्न रह जाएंगे! आप भी सोचेंगे कि जिन लोगों पर कानून की रक्षा का जिम्मा था, वही कैसे चूक गए।
इसकी पूरी कहानी हम आपको बता रहे हैं। पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वो परतें, जिन्हें अब तक छिपाया गया था, हम उसे खोल रहे हैं।
प्रोटोकॉल की अनदेखी
घटना के बाद चल रही जांच में सामने आया है कि विदेशी खिलाड़ियों द्वारा प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई। दरअसल, प्रोटोकॉल के अनुसार जब भी ये खिलाड़ी बाहर जाते हैं, तो अपने सुरक्षा अधिकारियों को सूचित करना उनकी जिम्मेदारी होती है। नियमों के अनुसार कोई भी खिलाड़ी टीम मैनेजमेंट को जानकारी दिए बिना बाहर नहीं जा सकता।
घटना वाले दिन भी दोनों खिलाड़ी बाहर निकलीं, लेकिन इसकी जानकारी पुलिस (Indore Police) को नहीं थी। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई महिला सुरक्षा मैनेजर का कहना है कि खिलाड़ियों ने उन्हें कैफे जाने की सूचना दी थी।
मैनेजर ने बीसीसीआई को यह मैसेज किया था। वहीं इस मामले में डीसीपी कुमार प्रतीक ने बताया कि उन्हें या टीम को किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं थी।
एएसआई से लेकर आरक्षक तक की थी ड्यूटी
जिस दिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ घटना हुई, उस दिन चार्ट के हिसाब से एएसआई और आरक्षक तक की ड्यूटी यहां पर लगाई गई थी, जबकि विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बड़े अधिकारियों को तैनात किया जाना चाहिए था।
शहर में जब कोई आंदोलन या प्रदर्शन होता है, तो एडीसीपी स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं। सुरक्षा व्यवस्था संभालते हैं, जबकि विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा में केवल एएसआई और आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
जिस अधिकारी का हुआ ट्रांसफर, उन्हें बनाया लोकल लाइजनिंग अधिकारी
पुलिस की सुरक्षा में चूक का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि विजय नगर एसीपी आदित्य पटले, जिनका ट्रांसफर हो चुका है और वे रिलीव भी हो चुके हैं, उन्हें चार्ट के हिसाब से होटल रेडिसन सुरक्षा व्यवस्था में लोकल लाइजनिंग अधिकारी बनाया गया है।
यह भी एक बड़ी चूक मानी जा रही है कि जो अधिकारी यहां पर हैं ही नहीं, उन्हें चार्ट में अधिकारी बनाया गया है। हालांकि फिलहाल उनका प्रभार राजकुमार सराफ देख रहे हैं।
चार्ट के हिसाब से यह थी होटल रेडिसन पर पुलिस व्यवस्था
(ऑस्ट्रेलिया टीम दिनांक 17.10.2025 से होटल रेडिसन व्यवस्था)
बल लगाने का समय दोपहर 14.00 बजे से रहेगा।
पर्यवेक्षण अधिकारी – आदित्य पटले
(लोकल लाइजनिंग) सहायक विजय नगर
(पहली शिफ्ट) – बल लगाने का समय : 14.00 बजे से 22.00 बजे तक
सउनि आर.एस. मावई
थाना विजय नगर (1–1 का बल)
प्रआर 3105 शीतल राव, आयुषी
(दूसरी शिफ्ट) – बल लगाने का समय : 22.00 बजे से 06.00 बजे तक
सउनि किशोर खेडकर
थाना विजय नगर (1–1 का बल)
प्रमोद , अपर्णा
ऐसे हुई सुरक्षा में चूक
चूक नंबर 1 : चूक नंबर 2 : चूक नंबर 3 : चूक नंबर 4 : | |
एएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे थे मॉनिटरिंग
विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा में चूक तब हुई जब सभी टीमों के होटल के बाहर सुरक्षा टीमें तैनात की गई थीं और एएसपी स्तर के अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे।
ऐसे में पुलिस की सुरक्षा में यह चूक सामने आई कि खिलाड़ियों के होटल से बाहर निकलने की उन्हें जानकारी ही नहीं थी। इससे यह पता चलता है कि इंदौर पुलिस का खुफिया कितना एक्टिव है।
मॉल और पब गई थीं विदेशी खिलाड़ी
मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर स्तर की जांच में यह भी सामने आया है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा में चूक पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले 21-22 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका की एक खिलाड़ी कैब से शहर के एक मॉल में शॉपिंग के लिए गई थी, उस समय भी उसके साथ कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
इसी तरह, न्यूजीलैंड टीम की दो महिला खिलाड़ी कुछ दिन पहले पब और रेस्टोरेंट में पार्टी करने गई थीं, तब भी पुलिस सुरक्षा मौजूद नहीं थी।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि पर्याप्त महिला सुरक्षा बल होने के बावजूद विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा में उन्हें नहीं लगाया गया था।
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हर टीम के साथ होता है सुरक्षा अधिकारी
हर टीम के साथ एक सुरक्षा अधिकारी होता है। आईसीसी (ICC ) से भी सुरक्षा अधिकारी मैचों के दौरान आते हैं। साथ ही स्थानीय स्तर पर भी सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।
सितारा खिलाड़ियों को देखने के लिए प्रशंसकों की भीड़ इकठा हो सकती है, जिससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए खिलाड़ियों और टीमों की आधिकारिक यात्रा के दौरान पुलिस और बाउंसर तैनात किए जाते हैं।
पहले ही तय किया था सूचना देना
एमपीसीए के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रोहित पंडित के अनुसार, पुलिस और प्रशासन के साथ हर अंतरराष्ट्रीय मैच से पहले बैठक हुई थी। इसमें mpca की तरफ से पूरी जानकारी पुलिस अधिकारी को दी थी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी पुलिस डिपार्टमेंट के पास थी।
सूचना के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में भी नहीं दी जानकारी
डीसीपी जोन-2 कुमार प्रतीक ने बताया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाया गया था, जिसमें विदेशी खिलाड़ियों, टीम अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को जोड़ा गया था।
इसका उद्देश्य यह था कि खिलाड़ी जहां भी जाएं, उसकी सूचना दें या किसी को कोई परेशानी हो तो सूचित करें, ताकि सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने ग्रुप पर भी इसकी जानकारी नहीं दी थी। विदेशी खिलाड़ियों के पब और शॉपिंग जाने की जानकारी अपने सोर्स से मिलने के बाद पुलिस ने वहां सुरक्षा उपलब्ध कराई थी।
मामले में बोलने से पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार!
इस पूरे मामले में जब ए.डीसीपी राजेश दंडोतिया से बात की गई तो उन्होंने सुरक्षा अधिकारी प्रमोद सोनकर से बात करने को कहा।
जब प्रमोद सोनकर को कॉल किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि PRO के तौर पर राजेश दंडोतिया को जिम्मेदारी दी गई है उनसे बात करें। जवाब देने से पल्ला झाड़ लिया।
इससे साफ होता है कि चूक तो हुई है लेकिन जवाब क्या दें ये नहीं पता। शायद इसलिए एक अधिकारी दूसरे अधिकारी पर जवाब देने की बात कह रहा है ।
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