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INDORE. इंदौर के भागीरथपुरा में गंदे पानी के कांड से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह वे लोग हैं जो उल्टी-दस्त से प्रभावित होने के बाद भी घर पर उपचार करा रहे थे। वहीं 1100 से ज्यादा लोग इससे पीड़ित हुए हैं। साथ ही, अस्पतालों में 149 से अधिक मरीज भर्ती हैं। यह संख्या दो दिन में तेजी से बढ़ी है।
सीएम आ रहे इंदौर
इंदौर की भयावह घटना के बाद सीएम मोहन यादव काफी सख्ती के मूड में हैं। वह बुधवार, 31 दिसंबर को शाम चार बजे करीब इंदौर आ रहे हैं। इसके पहले वह ट्रक हादसे के दौरान भी नाराज और सख्त मूड में आए थे, तब कई बड़े अधिकारी निपट गए थे। उधर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष रितेश इनानी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर दी है। इसमें बुधवार, 31 दिसंबर को ही सुनवाई संभावित है।
क्या कर रहे थे जिम्मेदार?
इंदौर के भागीरथपुरा में जब लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित होकर दम तोड़ रहे थे, तब जिम्मेदार पार्षद कमल वाघेला और एमआईसी मेंबर जलकार्य प्रभारी बबलू शर्मा क्या कर रहे थे? यदि आपको लगता है कि ये लोग लोगों की मदद के लिए परेशान हो रहे होंगे तो बिल्कुल गलत है।
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झूला झूल रहे थे पार्षद कमल वाघेला
भागीरथपुरा एरिया वार्ड 11 में आता है, जहां बीजेपी से पार्षद कमल वाघेला हैं। ये एमआईसी में आने के लिए भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन बात नहीं बनी। इनके पास लोग लगातार शिकायतें लेकर आते रहे और ये टालते रहे।
कुछ मरीजों को तो ये कहकर भगा दिया गया कि ये उनके वार्ड के नहीं हैं। जब लोग मर रहे थे, तब इनकी एक फोटो सामने आई है। यह फोटो भागीरथपुरा बगीचे की है, जहां झूला लगा है। यहां पर ये झूला का लुत्फ लेते हुए, मोबाइल पर चर्चा कर रहे थे।
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बबलू शर्मा कर रहे थे मिलन समारोह की पार्टी
वहीं शहर में साफ पानी देने के यानी नगर निगम इंदौर के जलकार्य समिति प्रभारी अभिषेक उर्फ बबलू शर्मा हैं। इन समस्याओं से बेफिक्र होकर अपने क्षेत्र में कान्हा रिसोर्ट में मिलन समारोह की पार्टी कर रहे थे।
इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गवमहापौर पुष्यमित्र भार्ग के साथ ही एमआईसी मेंबर मनीष मामा, अश्विनी शुक्ला व अन्य नेता भी शामिल हुए। यह सोमवार को हुई। इसी दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अस्पताल मरीजों को देखने के लिए पहुंचे थे। यानी लोग गंभीर होकर अस्पताल पहुंचने लगे थे।
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दो जनहित याचिकाएं हुईं दायर
भागीरथपुरा गंदे पानी कांड मामले में 2 जनहित याचिकाएं दायर हुई हैं। एक याचिका हाई कोर्ट बार अध्यक्ष रितेश ईनानी ने दायर की। दूसरी याचिका अधिवक्ता मनीष यादव और करण बैरागी ने दायर की। दूसरी याचिका पूर्व पार्षद महेश गर्ग और प्रमोद द्विवेदी के जरिए दायर कराई गई है। दोषियों पर आपराधिक मुकदमा हो, पीड़ितों का निःशुल्क इलाज कराए जाने सहित विभिन्न मांगें की गई हैं। याचिका को डबल बेंच ने ढाई बजे सुनवाई हेतु नियत किया है।
जिला प्रशासन ने 14 अस्पतालों में लगाए अधिकारी
उधर जिला प्रशासन ने भी इस मामले में कमान संभाली है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने 29 अस्पतालों को उपचार के लिए चिन्हित किया है। इनमें 14 अस्पतालों में उपचार में कोई समस्या न आए, इसके लिए तहलसीलदार और पटवारी को तैनात किया गया है।
यह अस्पताल ईएसआईसी, वर्मा, शैल्बी, डीएनएस, शशि, चाचा नेहरू, त्रिवेणी, एमवाएएच, अरविंदो, अपोलो, भंडारी, सीएचएल और गीता भवन हैं। उधर अस्पतालों में 149 मरीज भर्ती हैं, जबकि सोमवार को यह संख्या केवल 34 थी।
वहीं अस्पतालों में समस्या लेकर 350 से ज्यादा लोग पहुंचे हैं, जिनका प्राथमिक उपचार कर घर रवाना किया गया है। यह सभी स्थितियां बता रही हैं कि हालात गंभीर हैं और समय पर कोई भी जिम्मेदार, चाहे जनप्रतिनिधि हो या फिर सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, नहीं जागे और यह नींद मौतों के बाद ही खुली, जब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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