देवल सरपंच की हत्या की पड़ताल करने पहुंचा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का जांच दल, ये वजह आई सामने

मध्‍य प्रदेश के सागर जिले में ग्राम पंचायत सरपंच की हत्या की पड़ताल करने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का जांच दल देवल गांव पहुंचा। जांच दल में शामिल कांग्रेस नेताओं ने मृतक सरपंच के परिजन, पंचायत के सदस्य और ग्रामीणों से हत्या के संबंध में बात की।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
congress investigated murder of Deval sarpanch

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश के सागर जिले में ग्राम पंचायत सरपंच की हत्या की पड़ताल करने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का जांच दल देवल गांव पहुंचा। जांच दल में शामिल कांग्रेस नेताओं ने मृतक सरपंच के परिजन, पंचायत के सदस्य और ग्रामीणों से हत्या के संबंध में बात की।

ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि गांव के ही कुछ लोग प्रस्तावित गौशाला का निर्माण रोकना चाहते हैं। सरपंच ने इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा था। वे उस पर इसे वापस लेने का दबाव बना रहे थे। जब उसने ऐसा नहीं किया तो दबंग लोगों ने सरपंच को मौत के घाट उतार दिया। पीसीसी की जांच टीम गांव से रिपोर्ट तैयार कर वापस रवाना हो गई है।

पीसीसी का जांच दल पहुंचा देवल

सागर के बीना विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत देवल के सरपंच लखन सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी। लखन सिंह का शव 4 सितम्बर को भानगढ़ रोड पर मिला था। उसे किसी वाहन से कुचला गया था। इस मामले में पुलिस ने गांव के ही सोवरन यादव और सुरेन्द्र यादव को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है।

इस मामले में गांव में 75 एकड़ निजी और सरकारी जमीन पर कब्जा और सरपंच की हत्या के आरोपियों को बीजेपी का संरक्षण होने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया था। 

ये खबरें भी पढ़िए :

नियमितीकरण की मांग लेकर सामूहिक अवकाश पर रहे हजारों अतिथि शिक्षक

करोड़ों की कमाई के लालच में जिम्मेदारों ने हड़प लीं धर्मस्थलों की जमीन

गौशाला निर्माण रोक रहे थे आरोपी

प्रदेश कांग्रेस के जांच दल में शामिल सेवड़ा के पूर्व विधायक घनश्याम सिंह, सिलवानी विधायक देवेन्द्र पटेल, गुना के लोकसभा प्रत्याशी यादवेन्द्र सिंह यादव ने देवल पहुंचकर मृतक सरपंच के परिजनों से मुलाकात की। तीनों कांग्रेस नेताओं ने हत्या की वजह के संबंध में परिजनों के अलावा ग्रामीणों से भी चर्चा की।

इस दौरान उन्हें बताया गया कि सरपंच लखन सिंह ने गांव में गौशाला निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस प्रस्ताव के कारण गांव के ही दूसरे पक्ष के लोगों को सरकारी जमीन से कब्जा छोड़ने की आशंका थी। इसी वजह से वे सरपंच पर प्रस्ताव वापस लेने का दबाव बना रहे थे।

जब लखन सिंह ने प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। ग्रामीणों ने कांग्रेस जांच दल को बताया कि कुछ लोगों ने 75 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है। प्रभावशाली होने की वजह से उनके कब्जे को हटाया नहीं गया है। 

ये खबरें भी पढ़िए :

जीएसटी सुधार के बाद मदर डेयरी ने दाम घटाए : दूध, घी और पनीर समेत क्या-क्या हुआ सस्ता, देखें लिस्ट

क्या कलश स्थापना के बिना अधूरी है नवरात्रि की पूजा, जानें बिना कलश के मां दुर्गा को कैसे करें प्रसन्न

बंद कमरे में की पीड़ित परिवार से बात

कांग्रेस की जांच समिति ने मृतक सरपंच के परिजनों से बंद कमरे में बात की वहीं हत्या की वजह को भी टटोला। पूछताछ में हत्या की वजह के रूप में सरकारी जमीन का कब्जा सामने आया है। क्योंकि गांव के दबंग लोग गौशाला निर्माण के कारण अपना कब्जा छूटने की आशंका से नाराज थे। 

कांग्रेस जांच दल के साथ देवल पहुंचे जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह मोहासा, पूर्व मंत्री प्रभुसिंह ठाकुर, ब्लॉक अध्यक्ष इंदर यादव ने पीड़ित परिवार को न्याय और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वसन दिया है। वहीं गांव में सरकारी जमीन से कब्जा हटाने की मांग सरकार और जिला प्रशासन से की है।  

मध्य प्रदेश सागर सरपंच हत्या मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पीसीसी विधायक पूर्व मंत्री बीजेपी
Advertisment