भोपाल शहर के जहांगीराबाद क्षेत्र में रहने वाले 27 वर्षीय इरफान खान (Irfan Khan) ने हाल ही में एक अहम निर्णय लिया है। उन्होंने इस्लाम धर्म से हिंदू धर्म (Hinduism) अपनाने की इच्छा जताई और इसके लिए कलेक्टर को आवेदन किया है। इरफान का कहना है कि उनका यह निर्णय पूरी तरह से स्वेच्छा से लिया गया है, और वे किसी भी दबाव में नहीं हैं। इस लेख में हम इरफान खान के धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया, कानूनी पहलुओं और नए नाम ‘आर्य’ के बारे में विस्तार से बताते हैं।
इरफान खान का धर्म परिवर्तन: प्रक्रिया और कानून
धर्म परिवर्तन (Conversion) एक संवैधानिक अधिकार है, जिसे भारतीय संविधान ने हर नागरिक को दिया है। हालांकि, मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 के तहत, धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में कुछ कानूनी नियमों का पालन करना जरूरी होता है। इसके अनुसार, किसी भी धर्म परिवर्तन की योजना से 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना अनिवार्य है। इसके अलावा, जो धर्म परिवर्तन करने वाला है, उसे और धर्माचार्य को लिखित रूप में घोषणा पत्र देना होता है।
धारा 10-1 (Section 10-1) और धारा 10-2 (Section 10-2) के तहत, यदि यह प्रक्रिया नियमों के अनुसार नहीं होती है तो संबंधित व्यक्तियों को 3 से 5 साल की सजा और 50,000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
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कन्वर्जन सेरेमनी और नया नाम: आर्य सरनेम
धर्म परिवर्तन की इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इरफान खान ने धर्माचार्य (Religious Leader) प्रमोद वर्मा शास्त्री और भागीरथ शास्त्री से मार्गदर्शन लिया है। वे कलेक्टर से इस प्रक्रिया की अनुमति प्राप्त करने के बाद, शुद्धि प्रक्रिया करेंगे। शुद्धि पत्र के प्राप्त होते ही इरफान अपना नया नाम रखेंगे और आर्य (Arya) सरनेम अपनाएंगे। इसके बाद, कलेक्टर को फिर से आवेदन किया जाएगा, और तहसीलदार के पास दस्तावेजों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। 21 दिनों के भीतर इरफान के दस्तावेज में उनके नए नाम और धर्म परिवर्तन के अनुरूप बदलाव कर दिए जाएंगे।
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धर्म परिवर्तन के पीछे की व्यक्तिगत इच्छा
इरफान खान ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) किसी बाहरी दबाव या किसी अन्य के कहने पर नहीं कर रहे हैं। यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और वे इसे अपनी आत्मिक शांति और विश्वास के अनुरूप कर रहे हैं। धर्म परिवर्तन के बाद इरफान अपने जीवन में एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि यह परिवर्तन उनके व्यक्तिगत जीवन और विश्वास से जुड़ा हुआ है, और वे इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
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मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लागू किया गया धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 (Religious Freedom Ordinance 2021) धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। इसके तहत धर्म परिवर्तन कराने की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी रूप से सही बनाए रखने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इस अध्यादेश के अनुसार धर्म परिवर्तन से पहले जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिन पहले सूचित करना आवश्यक होता है, और धर्म परिवर्तन के बाद धर्माचार्य को एक घोषणा पत्र देना होता है। इसके उल्लंघन पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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सोशल मीडिया और समाज में प्रतिक्रिया
इरफान खान के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) और समाज के विभिन्न हिस्सों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग इसे उनके व्यक्तिगत विश्वास और स्वतंत्रता का सम्मान मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि धर्म परिवर्तन एक संवेदनशील मुद्दा है और इसे सही तरीके से और बिना किसी दबाव के किया जाना चाहिए। हालांकि, इरफान ने इस निर्णय के पीछे अपनी व्यक्तिगत प्रेरणा और विश्वास को स्पष्ट रूप से बताया है, जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम