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रवि अवस्थी,भोपाल।
मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायतें दो पन्नों की फोटो कॉपी के 4 हजार रुपए का भुगतान करें या 4 लीटर पेंट की पुताई पर लाख रुपए के बिल का भुगतान कर दें। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति जारी है। मामला गंभीर और ज्यादा ही तूल पकड़ा तो दोषियों से रकम की रिकवरी बताकर केस को रफा-दफा किया जा रहा है।
सदन में मामला उठा तो शुरू हुई वसूली
टीकमगढ़ जिले में बल्देवगढ जनपद अंतर्गत छिदारी पंचायत में निर्माण कामों क लिए करीब 66 लाख रुपए का गलत भुगतान कर दिया गया। क्षेत्रीय विधायक चंदा सुरेंद्रसिंह गौर ने दो बार प्रकरण का सदन में उठाया तो सरपंच समेत आधा दर्जन जिम्मेदारों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की।
सदन में ही पंचायत मंत्री के जवाब में कहा गया कि दोषियों से संयुक्त वसूली की कार्रवाई की जा रही है। दो साल पुराने इस केस में वसूली के आदेश भी गत 7 जुलाई को हुए,जब यह प्रकरण दूसरी बार सदन में उठाया गया। वसूली अभी होना है,लेकिन दोषियों के खिलाफ न तो कोई विभागीय एक्शन हुआ, ना ही अपराध दर्ज किया गया। जबकि इनमें सरपंच के अलावा जनपद सीईओ से लेकर रोजगार सहायक तक सभी की मिली भगत उजागर हुई।
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भुगतान सही,दोष बिल बनाने वाले का
दूसरी बानगी जानिए,शहडोल जिले की जनपद पंचायत बुढार अंतर्गत भटिया ग्राम पंचायत में ढाई हजार ईंट खरीदी का बिल सवा लाख रुपए का बना। पंचायत ने इसका भुगतान भी कर दिया। अदा रकम का बिल सोशल मीडिया का हिस्सा बना,तो विभाग की जमकर किरकिरी हुई। कलेक्टर डॉ केदार सिंह ने एसडीएम से जांच कराई। अंतत:तय हुआ​ कि ईंटों का भुगतान सही था,​दोष बिल बनाने वाले का जिसने ईंटों की संख्या कम लिख दी।
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पेंट पु​ताई केस में भी तलाशा बीच का रास्ता
शहडोल जिले के ही गांव सकंदी में हाईस्कूल भवन की पु​ताई को लेकर किया गया भुगतान भी खासा चर्चा में रहा है। यहां स्कूल बिल्डिंग की पुताई में पेंट सिर्फ 4 लीटर खर्च हुआ,लेकिन इसे पोतने के लिए 168 मजदूर और 65 राज मिस्त्री काम पर लगाए गए। इन्हें मजदूरी के बतौर 1 लाख 7 हजार रुपए का भुगतान भी हो गया।
यह केस भी मीडिया की सुर्खियां बना तो जांच में यहां भी दोषी बिल बनाने वाला दुकानदार ही पाया गया।
जिले की ग्राम पंचायत कुदरी में दो पन्नों की फोटो कॉपी के लिए 4 हजार रुपए के भुगतान मामले में भी दोष,फोटो कॉपियर दुकानदार ही निकला,जो पेजों की संख्या कॉलम में 2 के आगे हजार लिखना भूल गया। अब सरकार दुकानदारों को तो जागरूक करने से रही।
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ड्राई फ्रूट,दूध,चीनी हजम,अब सिर्फ जांच
प्रदेश के पंचायत मंत्री जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत गत 17 अप्रेल को मऊगंज जनपद के खैरा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने बिछिया नदी के उद्गम स्थल की पूजन की। मंत्री चंद मिनट ही यहां रुके। करीब डेढ़ सौ लोग इस कार्यक्रम में जुटे,लेकिन इस प्रोग्राम के नाम पर खैरा पंचायत ने 14 किलो ड्राई फ्रूट,6 लीटर दूध और 5 किलो चीनी समेत अन्य मदों में 2.38 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति के विपरीत करीब 15 लाख रुपए फूंक दिए।
खाने-पीने की चीजों के लिए बिल भी बिजली दुकानदार से​ लिए गए। प्रकरण में पंचायत से लेकर जनपद सीईओ तक की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। शिकायत हुई तो भुगतान की नस्ती ही गायब है। इसके चलते जांच अटकी हुई है।
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रोटी मेकर मशीन का रजाई,गद्दे से क्या वास्ता?
सेमी-ऑटोमैटिक रोटी मेकर मशीनों का कारोबार करने वाले का रजाई,गद्दा व फर्नीचर के कारोबार से क्या वास्ता,लेकिन जनजातीय कार्य विभाग सतना ने मशीन की सप्लाई के साथ इन दोनों कारोबार के अनुभव की शर्त भी जोड़ दी। ऐसा सिर्फ ​विभागीय अफसरों के चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की गरज से किया गया।
भविष्य में सतर्कता बरतने की चेतावनी
डिंडोरी जिले की समनापुर जनपद पंचायत में सरकारी खर्च पर बीड़ी के धुएं का गुबार उड़ाने का मामला सामने आ चुका है। यहां 10 कट्टे बीड़ी के बंडल के बिल पर 3700 रुपए और 12 लड्डू के बिल पर 1440 रुपए खर्च किए गए। पंचायत में नमकीन,जैसी सामग्रियों के बिल भी लगे और इनका भुगतान भी हुआ।
डिंडौरी जिला पंचायत के जिम्मेदार इन मामलों को लेकर अपनी अनभिज्ञता जता रहे हैं। वहीं शहडोल जिले की भटिया पंचायत से जुड़े प्रकरण को लेकर कलेक्टर डॉ केदार सिह ने कहा कि जांच में बिल पेश करने वाले की भूल सामने आई। प्रकरण में भुगतान पर जिम्मेदारों को भविष्य में सतर्कता बरतने की चेतावनी भी दी गई।