कांग्रेस में बागी नेताओं की वापसी की प्रक्रिया तेज, निकाय-पंचायत चुनाव से पहले कई नाम कतार में

राजस्थान कांग्रेस में बागी नेताओं की वापसी की प्रक्रिया तेज हो गई है। कई बड़े नेता निकाय और पंचायत चुनाव से पहले पार्टी में वापस आने की कतार में हैं। इस पर मंथन चल रहा है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के भीतर आगामी निकाय और पंचायत चुनाव से पहले बागी नेताओं की वापसी की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। पार्टी के कई जिलों के विधायकों और स्थानीय नेताओं ने करीब 30 से अधिक बागी नेताओं के नाम अनुशासन समिति को भेजे हैं। यह कदम आगामी चुनावों की तैयारी के तहत उठाया गया है। अनुशासन समिति की बैठक जल्द ही होगी और इसके बाद रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंप दी जाएगी।

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अनुशासन समिति की बैठक और रिपोर्ट

हाल ही में कांग्रेस वॉर रूम में हुई एक बैठक में समिति की अध्यक्षता करने वाले पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना शामिल नहीं हो पाए थे, जिसके कारण निर्णय स्थगित हो गया। अब एक नई बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पूर्व मंत्री शकुंतला रावत और विधायक हाकम अली रिपोर्ट तैयार करेंगे। शकुंतला रावत ने कहा कि नाम तो आए हैं, लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं करेंगे।

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कई बड़े नेताओं की वापसी पर हो रही चर्चा

कांग्रेस में वापसी के लिए जिन प्रमुख नेताओं के नाम पर चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व विधायक मेवाराम जैन, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व विधायक रामचंद्र सराधना, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बालेंदु सिंह शेखावत, कैलाश मीणा और बलराम यादव शामिल हैं। मेवाराम जैन को अश्लील वीडियो प्रकरण में पार्टी से निष्कासित किया गया था। खिलाड़ी लाल बैरवा ने बसेड़ी से टिकट न मिलने पर बगावत की थी। रामचंद्र सराधना ने विराटनगर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वहीं बालेंदु सिंह शेखावत को लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हटाया गया था।

मेवाराम जैन की वापसी पर विवाद

मेवाराम जैन की वापसी को लेकर सबसे अधिक विरोध सामने आया है। कांग्रेस का एक धड़ा उनकी वापसी चाहता है, जबकि दूसरे धड़े और बाड़मेर-जैसलमेर के स्थानीय नेता इस पर विरोध जता रहे हैं। इस विवाद पर पार्टी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा चर्चा करेंगे। इसके बाद ही पार्टी हाईकमान अंतिम निर्णय लेगा।

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अमीन खान की वापसी बनी मिसाल

हालांकि अमीन खान की वापसी एक मिसाल बन चुकी है। पिछले माह पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द कर उन्हें फिर से कांग्रेस में शामिल किया। उनकी वापसी के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेताओं की सिफारिश मानी जाती है। अनुशासन समिति ने भी उनकी वापसी की अनुशंसा की थी।

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मुख्य बिंदु

  • बागी नेताओं की वापसी की प्रक्रिया तेज
  • निकाय और पंचायत चुनाव से पहले पार्टी की तैयारी
  • अमीन खान की वापसी एक मिसाल
  • मेवाराम जैन की वापसी पर विवाद

FAQ

1. कांग्रेस में बागी नेताओं की वापसी क्यों हो रही है?
निकाय और पंचायत चुनाव (Urban Local Body and Panchayat Elections) से पहले पार्टी को अपने बागी नेताओं की वापसी के लिए कवायद तेज करनी पड़ी, ताकि चुनावी ताकत में वृद्धि हो सके और पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचा जा सके।
2. क्या मेवाराम जैन की वापसी को लेकर कोई विवाद है?
हां, मेवाराम जैन (Mewararam Jain) की वापसी पर सबसे अधिक विवाद है। कुछ कांग्रेस नेता उनकी वापसी का समर्थन कर रहे हैं, जबकि बाड़मेर (Barmer) और जैसलमेर (Jaisalmer) के स्थानीय नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
3. अमीन खान की वापसी के पीछे कौन लोग जिम्मेदार थे?
अमीन खान (Ameen Khan) की वापसी के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और अन्य नेताओं की सिफारिश मानी जाती है, जिसके कारण उनकी वापसी संभव हो पाई।

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