BHOPAL. आईएएस और आईपीएस के तबादले कर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी सरकार पांच जिलों में जिला पंचायत की पोस्टिंग करना ही भूल गई। इससे इन जिलों में पंचायतों से संबंधित कामकाज में भारी दिक्कतों का सामना कर पडा रहा है।
जिला पंचायत सीईओ के पद आज भी खाली
मध्यप्रदेश सरकार ने अगस्त में 12 आईएएस अफसरों के तबादले किए थे। जबलपुर, सीहोर, विदिशा, सीधी, रीवा और नीमच जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी यानी सीईओ को भी बदला गया था। वहीं रीवा जिला पंचायत सीईओ को नगर निगम कमिश्नर बनाया गया है। इनमें पांच जिलों सीहोर, विदिशा, जबलपुर, रीवा और नीमच के जिला पंचायत सीईओ के पद आज भी खाली पड़े हैं। मध्य प्रदेश के इन जिलों में जिला पंचायत सीईओ के पदों की उच्च स्तर से सहमति मिलने के बाद भी अभी तक मामला अटका हुआ है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत विभाग के अफसरों ने भी रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। जीएडी की ओर से मुख्य सचिव को इन पदों को भरने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन फिलहाल आगे विचार करने की बात कही गई है।
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जिपं जबलपुर के विकास कार्य रुके
सीईओ का तबादला हुए करीब डेढ़ माह बीत गया किंतु अभी तक कोई भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ न होने से कुर्सी खाली पड़ी हुई। अभी अतिरिक्त सीईओ मनोज सिंह यह प्रभार संभाल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रतिनिधि जिला पंचायत कार्यालय के चक्कर काट रहे। इसके साथ ही जिला पंचायत कार्यालय की व्यवस्थाएं भी लड़खड़ाई हुई हैं। सूत्रों के अनुसार 3 करोड़ की राशि का भुगतान न होने के कारण पंचायत प्रतिनिधियों को रोड निर्माण और भवन निर्माण का कार्य करवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में यह बताया गया कि जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी न होने राशि का भी उपयोग नहीं हो रहा है तो विकास कार्य कैसे संभव हो पाएंगे।
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रीवा जिपं को नहीं मिले फुल टाइम CEO
मध्य प्रदेश में रीवा जिला पंचायत पूरी तरह से वेंटिलेटर पर आ गया है। 820 ग्राम पंचायतों के कामकाज को देखने के लिए रीवा जिला पंचायत में पूर्णकालिक मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना न होने से पंचायती राज व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। डेढ़ महीने से स्थायी जिला पंचायत सीईओ की नियुक्ति न होने से कई विकास कार्य रुके हुए हैं।
यह स्थिति रीवा और जबलपुर की नहीं बल्कि सभी पांच जिला पंचायतों की है। यहां से डेढ़ महीने पहले जिले पंचायत सीईओ के तबादला या प्रमोशन तो कर दिए गए, लेकिन अधिकारी अब तक नहीं आ पाए हैं।
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