नील तिवारी @ JABALPUR. नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर ( Central Jail Jabalpur ) में सोमवार को दो कैदी आपस में भिड़ गए। इस दौरान एक कैदी ने दूसरे कैदी पर नुकीले हथियार से हमला ( Prisoner attacked in jail ) कर दिया। हमले में एक कैदी छोटू चौबे के कान पर गंभीर चोट आई है, घायल कैदी का इलाज जेल अस्पताल में कराया गया है। यह हमला जबलपुर में ही सक्रिय दो गैंग के बीच आपसी रंजिश का नतीजा है। जिसमें 4141 गैंग के सरगना ने 2222 गैंग के सरगना पर हमला किया है।
जेल के अंदर ऐसे हुआ हमला
दरअसल, केंद्रीय जेल में बंद कैदियों से उनके परिजन फोन करके बात कर सकते हैं। जिसके लिए परिजनों के द्वारा जेल में पहले फोन किया जाता है और फोन आने के बाद उस कैदी के नाम की पुकार लगाई जाती है। नाम पुकारे जाने के बाद जेल की गोल ( बैरक ) से निकलकर वह कैदी फोन रिसीव करने वाली जगह पर पहुंचता है जहां पर जेल पुलिसकर्मी के पास बैठकर कैदी दोबारा फोन आने का इंतजार करते हैं। सोमवार को जेल में बंद कुख्यात अपराधी छोटू चौबे ( Notorious criminal Chhotu Chaubey ) के लिए फोन कॉल आया जब उसके नाम की पुकार लगी और वह नियत जगह पर बैठकर फोन कॉल का इंतजार कर ही रहा था इस दौरान संजय सारंग से किसी बात को लेकर उसकी बहस हुई और फिर 4141 गैंग के संजय अहिरवार उर्फ सारंग ने पीछे से उसे नुकीले हथियार ( कटनी ) मार दिया। जिससे छोटू के कान पर गंभीर चोट आई।
क्या होता है कटनी हथियार
कड़ी सुरक्षा के चलते जेल के अंदर किसी भी तरह का हथियार रख पाना असंभव होता है। ऐसे में जेल में बंद अपराधी हमला करने के लिए जेल में मौजूद चीजों से ही हथियार बनाते हैं। खाने के समय मिलने वाली चम्मच या थाली को तोड़कर नुकीला बनाया जाता है एवं इस चाकू नुमा हथियार का रूप दे दिया जाता है। जेल में कैदियों के बीच इसे कटनी कहा जाता है। इसी तरह के हथियार से संजय सारंग ने छोटू चौबे के ऊपर हमला किया।
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कैदी के खिलाफ जेल नियमों के तहत कार्रवाई
जेल में कैदी पर हमला की घटना ( attack on prisoner in jail ) पर पुलिस जेल सुप्रिटेंडेंट अखिलेश तोमर ने बताया कि घायल छोटू चौबे का जेल अस्पताल में ही इलाज कर दिया गया है और सारंग सहित पिता को भी समझाइश दी गई है। जेल के नियम अनुसार इन पर प्रकरण दर्ज किया जा रहा है, और दोनों कैदियों को अलग-अलग जगह पर रखा जाएगा। जेल में हुई घटना को लेकर केंद्रीय जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमला करने वाले कैदी के खिलाफ जेल नियमों के तहत कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।
कुख्यात अपराधी है 2222 गैंग का सरगना छोटू चौबे
छोटू चौबे पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, मारपीट, चाकूबाजी, अड़ीबाजी सहित 30 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह 2222 गैंग का सरगना माना जाता है। हाल ही में छोटू चौबे को अपनी ही गैंग के सदस्य अनुराज नायडू अन्ना के हत्या के मामले में पुलिस ने टीकमगढ़ से गिरफ्तार किया था। इसके पहले भी छोटू चौबे पर NSA जैसे मामले भी दर्ज हो चुके हैं।
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4141 यानी पापा गैंग
यदि अंकों में 4141 को देखें तो हिंदी में यह पापा दिखाई देता है, साल 2021 में यह गैंग जबलपुर सक्रिय हुआ जिसमें कि ज्यादातर लड़के 15 से 20 साल के हैं, इन लड़कों ने अपना एक गैंग बनाया जिसका बकायदा उन्होंने नाम दिया “सारंग बदमाश 4141” इस गैंग के सदस्य 20 से 25 की संख्या में निकलते हैं और फिर किसी के साथ भी मारपीट कर उसका वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में वायरल कर देते है। हाल ही में पुलिस ने शहर के विभिन्न थाना क्षेत्र के शातिर बदमाशों की धरपकड़ का अभियान शुरू किया था इसी अभियान के तहत पुलिस ने सबसे पहले गढ़ा थाना क्षेत्र में गैंग चलाने वालों की धरपकड़ शुरू की थी, जिसमें शहर के एक ही दादा मुक्कू दादा 6161 नाम की गैंग चलाने वाले 4141 गैंग के मुख्य सरगना समेत अन्य चार आरोपियों के हिरासत में लिया था।
गैंग 13302 भी है जबलपुर में सक्रिय
इस गैंग का नाम 13302 ( तेरा 302 ) हत्या की धारा 302 से जुड़ा हुआ है जिसका मकसद यह दिखाना है कि इस गैंग के निशाने में आने वाले व्यक्ति की हत्या कर दी जाएगी, इस गैंग के गुर्गों की कुंडली पुलिस द्वारा खंगाली जा रही है यह गैंग भी एक डिजिटल गैंग है, जिसमें कम से कम 100 से 150 सदस्यों के होने की संभावना है। ( Jabalpur Crime News )
सोशल मीडिया में वीडियो देखकर बन रही गैंग
क्षेत्र में दबंगई दिखाने और रौब झाड़ने के लिए युवा यूट्यूब और वीडियो देखकर गैंग बना रहे है। गैंग गठित कर बकायदा नामकरण होता है और उसकी पार्टियां भी दी जाती हैं। बताया जाता है कि उज्जैन गैंगवार में मारे गए एक युवक को गैंग के सदस्य अपना आदर्श मानते है। इतना ही नहीं आरोपी गैंग के कार्य भी बेखौफ होकर संचालित करते है और किसी से झगड़ा होने पर तत्काल एकजुट होकर हमला करते हैं । यदि इन गैंगों को यही नहीं रोका गया तो आने वाली स्थिति भयावह हो सकती है। ( जबलपुर न्यूज )