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JABALPUR. मध्यप्रदेश के जबलपुर में 13 साल की नाबालिग की शादी कराने के मामले आखिरकार बाल विवाह अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है। मामले में लड़की के माता-पिता के खिलाफ मझौली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। नाबालिग की शादी की खबर लगते ही गांव वालों ने जमकर विरोध किया था। साथ ही शादी की फोटो सामने आने पर लोगों ने पुलिस और प्रशासन से शिकायत की थी। अब महिला बाल विकास विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि मामला जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर पनागर की भरदा ग्राम पंचायत का है। जानकारी के अनुसार पनागर के दुबे परिवार ने अपनी 13 साल बेटी का विवाह सिहोरा के रहने वाले चौबे परिवार के 20 साल बबलू से तय की थी। युवक के परिवार वालों को लड़की की उम्र पता होने के बाद भी दोनों परिवारों की सहमति से विवाह तय हुआ और फिर मझौली थाना क्षेत्र के कटाव के मंदिर में 15 मई को दोनों की शादी करा दी गई।
जोड़े में बैठी थी नाबालिग, शादी को बताया था कथा
जब नाबालिग की शादी होने की कुछ तस्वीरें लोगों के सामने आई तो कुछ जिम्मेदार लोगों ने 18 मई को इसकी शिकायत पुलिस और संबंधित विभाग तक पहुंचाई। जिसके बाद लड़की परिवार के घर पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम पहुंची, जहां पर पूछताछ की गई। पहले हुई पूछताछ के आधार पर इसे कथा बताया गया था। वहीं बाल विवाह की पुष्टि करने वाले नाबालिग का पिता ही रात होते-होते अपने बयान से मुकर गया था। इतना ही नहीं लड़की भी अपने बयान पर पलट गई। इस मामले को दबाने में महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने ही पुरजोर कोशिश की थी।
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बाल विवाह अधिनियम के तहत केस दर्ज
मझौली थाना प्रभारी ने बताया कि महिला बाल विकास अधिकारी ने 18 मई को सूचना दी थी कि पनागर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का विवाह कराया गया है। महिला बाल विकास विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर किशोरी के माता पिता पर FIR दर्ज की गई है। लड़की की उम्र 13 साल है और लड़के की उम्र 20 है। क्षेत्र के एक मंदिर में दोनों की शादी हुई थी। मामला सामने आने के बाद बाल विवाह अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
थाना प्रभारी ने मीडिया के सामने लिया नाबालिग का नाम
इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी हो या मझौली के थाना प्रभारी दोनों की इस मामले के प्रति संवेदनशीलता और कानून का ज्ञान इसी बात से पता लग रहा है कि मीडिया को दी गई जानकारी में वह कैमरे के सामने नाबालिग का नाम उजागर कर रहे हैं जो कानूनन अपराध है।
पहले नहीं की थी बाल विवाह की पुष्टि
आपको बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद जबलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा ने बाकायदा बयान दिया था कि महिला एवं बाल विकास के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में इस बाल विवाह की पुष्टि नहीं हुई है। और अब मीडिया के दबाव के चलते महिला एवं बाल विकास का प्रतिवेदन सहित बयान भी बदल चुका है और इस मामले में मझौली थाने में एफआईआर दर्ज की गई। मामले में बाल विवाह अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। नाबालिग लड़की के माता-पिता के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
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