कलेक्टर की कार्रवाई का नहीं दिख रहा असर, मानसिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर बच्चे

मध्यप्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगती नजर नहीं आ रही है। स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस जमा करने के नाम पर बच्चों और उनके मां-बाप को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है... 

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Neel Tiwari
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children forced mental torture Photograph: (thesootr)

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जिला कलेक्टर और जिला प्रशासन के द्वारा स्कूलों के ऊपर की जा रही कार्रवाई के आदेश केवल कागजी बनकर रह गए है। जामनी स्तर इस कार्यवाही का कोई भी असर देखने को नहीं मिल रहा है और असल मायनों में स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावक पूरी तरीके से परेशान हो चुके हैं। इसके अलावा बच्चे भी मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित होकर स्कूल न जाने की बात कह रहे हैं।

स्कूलों की प्रताड़ना झेल रहे मासूम

निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगती नजर नहीं आ रही है उनके द्वारा फीस जमा करने के नाम पर बच्चों और उनके मां-बाप को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है ऐसा ही एक मामला जबलपुर के शास्त्री नगर स्थित विजडम वैली स्कूल से आया है जहां नौवीं की एक छात्रा को फीस जमा न होने की वजह से घंटों स्कूल के एक कमरे में अकेला बैठाया गया जिसके बाद घर पहुंच कर बच्ची इतनी नर्वस हो गई कि खुद को कमरे में जाकर बंद कर लिया और मां-बाप के पूछने पर बेटी ने साफ लफ्जों में कह दिया कि "मैं स्कूल नहीं जाऊंगी और अगर जाना पड़ा तो मैं मर जाऊंगी"। बच्चों के अभिभावकों के द्वारा हर सरकारी दरवाजे पर स्कूलों की मनमानी की शिकायत की जा रही है। अभिभावकों ने खुलकर आरोप लगाए हैं कि स्कूलों की मनमानी के चलते हर घर से एक बच्चा सुसाइड करेगा और उसे हादसे का नाम दे दिया जाएगा। 

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बच्ची ने मां को बताई स्कूल की प्रताड़ना की दास्तान

अभिभावकों के द्वारा लगातार हर सरकारी महकमें स्कूलों के द्वारा अपनाए जा रहे फीस के लिए प्रताड़ित करने वाले रवैया को लेकर शिकायत की जा रही है। मामले में दीपशिखा गुप्ता ने बताया है कि विजडम वैली स्कूल के संचालक बृजेश मित्तल से जब अभिभावक बात करने पहुंचे तो उन्होंने साफ कह दिया कि मैं एक-एक कर मुलाकात करूंगा। जब उनसे मुलाकात हुई तो उन्हें बताया गया कि फीस जल्द ही जमा कर दी जाएगी। इस पर उन्होंने कहा कि आप फीस की रकम का चैक दे दीजिए हम उसे लगाएंगे नहीं। उन्हें सोमवार में चेक देने का आश्वासन दिया गया और कहा गया कि आप बच्ची को परीक्षा में शामिल होने दें मैं सोमवार में आपको चेक दे दूंगी। जिस पर उन्होंने सहमति जताते हुए अकाउंटेंट को भी निर्देशित कर दिया, लेकिन जब मुख्य परीक्षा में शामिल होने बेटी गई तो उसे पेपर में बैठने नहीं दिया। साथ ही अकेले कमरे में ले जाकर बैठा दिया उनके द्वारा ना तो मुझे किसी प्रकार की कोई खबर दी गई और ना ही बच्ची को पेपर देने दिया गया। इसके बाद बेटी ने घर आकर स्कूल प्रबंधन के इस व्यवहार को बताया और खुद को कमरे में बंद कर लिया।

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मिडिल क्लास फैमिली और स्कूलों की मनमानी 

दीपशिखा गुप्ता ने बताया कि बच्चों के द्वारा लगातार यह कहा जाता है कि हमारे मां-बाप फीस भरने में सक्षम नहीं है। इसकी वजह से स्कूलों के द्वारा हमें प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन मिडिल क्लास फैमिली की मजबूरी होती है कि फीस भरने में कुछ देरी हो जाए। ब्रजेश मित्तल के कहे अनुसार हमने सोमवार तक का समय मांगा था जो हमें दिया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी उनके द्वारा मिडिल क्लास फैमिली के अभिभावकों को लगातार फीस के लिए टॉर्चर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप भी लगाया कि जब कोर्ट के द्वारा फीस संबंधी फैसला कर दिया गया है, लेकिन उसके बावजूद भी स्कूलों के द्वारा खुले आम कोर्ट के फैसले की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक बच्चे की नहीं कई बच्चों की कहानी है लेकिन हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है हालात ऐसे हैं कि हर घर से एक बच्चा सुसाइड कर लेगा और उसे हादसे का नाम दे दिया जाएगा। 

फीस संबंधी चर्चा करने पर लड़ने को तैयार स्कूल प्रबंधन 

जबलपुर में कलेक्टर के द्वारा स्कूलों को अवैध रूप से नियम विरोध की गई फीस वृद्धि कर वसूली के मामले में वसूली गई राशि को वापस किए जाने की कार्रवाई जारी है। इसी संबंध में नए फीस स्ट्रक्चर लागू किए जाने की भी पहल की जा रही है, लेकिन जब अभिभावकों के द्वारा नए फीस स्ट्रक्चर के तहत स्कूलों से फीस लिए जाने की बात की जाती है तो स्कूल प्रबंधन के द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं की जाती है। बीते दिनों इसी विजडम वैली स्कूल में पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता जब स्कूल प्रबंधन से नए फीस स्ट्रक्चर के तहत फीस लिए जाने की बात करने पहुंचे थे। तब स्कूल प्रबंधन के द्वारा उनके साथ धक्का मुक्की भी गई थी। जो साफतौर यह दर्शा रहा है कि उन्हें किसी भी सरकारी आदेश या प्रशासन का कोई खौफ नहीं है।

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