JABALPUR. अवैध फीस वसूली सहित आर्थिक अनियमिताओं के आरोपों से घिरे निजी स्कूलों के मामले में शुक्रवार 25 अक्टूबर को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव सचदेवा (Justice Sanjeev Sachdeva) और जस्टिस विनय सराफ (Justice Vinay Saraf) की युगलपीठ ने निजी स्कूलों के खिलाफ दायर की गई रिट याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है।
कोर्ट के पिछले आदेश के खिलाफ लगी थी याचिका
गुरुवार 24 अक्टूबर को जस्टिस मनिंदर एस. भट्टी (Justice Maninder S. furnace) की कोर्ट में स्कूलों के द्वारा याचिका लगाई गई थी, जिसे जस्टिस भट्टी ने इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि यह याचिकाएं समय से पहले ही लगा दी गई हैं। इसी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में युगल पीठ में रिट याचिका दायर की गई। ये याचिकाएं अत्यधिक फीस वसूली और पाठ्य पुस्तकों की बिक्री में कथित अनियमितताओं को लेकर दाखिल की गई थीं, जिनमें जिला समिति द्वारा जांच की जा रही है।
उंगली काटकर निगलने वाले आरोपी छात्र को मिली जबलपुर हाइकोर्ट से जमानत
स्कूल संचालकों को था गिरफ्तारी का डर
निजी स्कूलों की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन को कई अभिभावकों से शिकायतें मिली हैं, जिनमें कुछ स्कूलों पर अत्यधिक शुल्क वसूलने और पाठ्य सामग्री की बिक्री के लिए खास विक्रेताओं को प्राथमिकता देने का आरोप है। निजी स्कूलों ने इस मामले में चिंता जताई कि आगामी छुट्टियों के दौरान किसी त्वरित कार्रवाई में स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल्स को गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले इसी प्रकार की परिस्थितियों में अन्य स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिसमें उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
मंत्री की चिट्ठी लिखने वाले से क्यों कम है HC के स्टेनो का वेतन : HC
जिला समिति में लंबित है जांच
शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 के अंतर्गत मिली शिकायतों की जांच जारी है। वर्तमान में जिला समिति द्वारा इन शिकायतों का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है। लेकिन अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक
कोर्ट ने 5 नवंबर 2024 को इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित की है। इस तारीख तक जिला समिति को अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही अगर जांच पूरी हो जाती है तो जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जानी होगी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि अपीलकर्ता और उनके संबंधित अधिकारी जिला समिति के साथ सहयोग करें और जरूरत पड़ने पर सभी आवश्यक दस्तावेज व सामग्री उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सुनवाई की अगली तारीख तक अपीलकर्ताओं और उनके अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक