कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मतदाताओं से पूछा- किसे मिला है वोट डालने के लिए साड़ी-कंबल का ऑफर

जबलपुर में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मतदाताओं से प्रलोभन से बचने और नैतिक मतदान करने की अपील की। ​​पुलिस अधीक्षक ने लोकतंत्र के महत्व पर जोर दिया।

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Neel Tiwari
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Jabalpur Collector Deepak Saxena
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जबलपुर में आयोजित 15 वे राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पूछा कि चुनाव के दौरान कभी वोट डालने के लिए मिला   हो साड़ी, शराब कंबल और पैसों का ऑफर ? कलेक्टर ने इस दिन को लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने भी बिना भय और प्रलोभन के अपने मताधिकार के उपयोग करने की सलाह दी।

15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन

जबलपुर में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर विगत 15 वर्षों से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मतदाताओं को जागरूक करने, मतदाता सूची में नाम जोड़ने और मतदाताओं को एथिकल वोटिंग करने के लिए प्रोत्साहन करने की कोशिश किए जाने का कार्य किया जाता है इसके द्वारा मतदाताओं को लोकतंत्र की परिभाषा को समझा कर अपने मत का सही उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।
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किसी को मिला है साड़ी-कंबल का ऑफर

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 15 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर प्रस्तुत किए गए एक नाटक कार्यक्रम में दिए गए संदेश के आधार पर वहां मौजूद आम जनता से पूछा कि क्या उन्हें कभी चुनाव के दौरान वोट डालने के लिए साड़ी, कंबल,शराब और पैसों का प्रलोभन दिया गया है। दरअसल कलेक्टर ने बताया कि बच्चों के द्वारा जो बात साझा की गई है वह उनके द्वारा कहीं ना कहीं देखी गई है जिसके आधार पर उन्होंने नाटक संदेश के जरिए इस बात को उजागर किया है इसके बाद उन्होंने आम जनता पूछा की पूरी ईमानदारी के साथ बताए क्या कभी ऐसे प्रलोभनों में आकर वोट दिया है जिस पर कुछ लोगों के द्वारा हाथ उठाकर इस बात की सहमति दी गई।

डेमोक्रेसी को बताया नए जमाने का धर्म

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा डेमोक्रेसी को देश के लिए महत्वपूर्ण बताया उन्होंने बताया कि हर जमाने में एक अलग धर्म का चलन रहा है किसी जमाने में इस्लाम तो किसी जमाने में बौद्ध और जैन धर्म रहे हैं लेकिन वर्तमान जमाने में लोकतंत्र एक नया धर्म है हालांकि इसे कितना माना जाता है और इसे कितना अपनाया जाता है यह तो व्यक्ति पर निर्भर करता है लेकिन समय के अनुसार डेमोक्रेसी व्यक्ति के स्वभाव में शामिल होती जाती है।
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लाखों बलिदानों के बाद मिलता है मतदान का अधिकार

पुलिस अधीक्षक के संपत उपाध्याय ने इस कार्यक्रम के दौरान बताया कि देश स्वतंत्रता के बाद भारत के नागरिकों को मतदान का अधिकार मिला है उन्होंने बताया है कि भारत के अलावा  अन्य देशों ने भी डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) के लिए लड़ाइयां लड़ी है और लाखों लोगों के बलिदान होने के बाद भी उन्हें मतदान का अधिकार पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हुआ है कई जगह पर कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को वोट डालने का अधिकार है। लेकिन भारत में सभी को समान रूप से बिना किसी भेदभाव के मतदान करने का अधिकार प्राप्त है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव में हार के बाद सब कुछ त्याग कर चले जाना एक महत्वपूर्ण बात है उन्होंने बताया कि हमारे अन्य पड़ोसी देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं है जितनी कि हमारे देश में मौजूद है।

एथिकल वोटिंग परसेंटेज में हुई है बढ़ोतरी

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें मतदाताओं को एथिकल वोटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है साथ ही कहीं ना कहीं इस प्रकार की आयोजनों से एथिकल वोटिंग परसेंटेज में बढ़ोतरी हुई है इसके अलावा मतदाता सूचियां में भी काफी हद तक सुधार हुआ है। उन्होंने सभी व्यक्तियों से अपने मत का सही उपयोग करने और बिना किसी प्रलोभन में आए वोट डालने की अपील की है।
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