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"आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया" का उदाहरण वैसे तो महंगाई के लिए दिया जाता है लेकिन वारासिवनी CMO जिसकी आमदनी लगभग 7 साल में 63 लाख रुपए थी और वह अपनी भ्रष्टाचार की काली कमाई से करोड़ों रुपए खर्च कर रही थी। जिस पर शिकायत के बाद EOW ने छापा मार कार्रवाई कर अवैध रूप से कमाई गई संपत्ति का पर्दाफाश किया।
कंप्यूटर ऑपरेटर से सीएमओ बनने का सफर
शासकीय पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिए अवैध कमाई करने वाली वारासिवनी CMO दिशा डेहरिया साल 2014 में छिंदवाड़ा नगर निगम में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ हुई थी । साल 2017 में वह संयुक्त राजस्व निरीक्षक तथा साल 2020 में राजस्व उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नत हुई। साल 2020 के बाद से वर्तमान समय में दिशा नगर पालिका वारासिवनी तथा सिवनी नगर पालिका की मुख्य नगर पालिका अधिकारी है। इन पर शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार कर करोड़ों की संपत्ति बनाए जाने की शिकायत की गई है।
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शिकायत के बाद EOW में दर्ज हुआ था मामला
शासकीय पद पर रहते हुए शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार कर अपने पद का दुरुपयोग करने और आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में वारासिवनी CMO दिशा डेहरिया की शिकायत EOW ( आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) से की गई जिसमें शिकायत एवं प्राथमिक के आधार पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी वारासिवनी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिवनी( अतिरिक्त प्रभार) पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की संशोधित 2018 की धारा 13(1) (बी), और 13 (2) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई।
EOW ने किया करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के द्वारा जब शिकायत के आधार पर जांच की गई तो आय से अधिक की संपत्ति बनाए जाने का मामला उजागर हुआ जिसमें निर्धारित चेक पीरियड का आकलन करते हुए 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2024 तक की आय के आधार पर संपत्ति की जांच की गई जिसमें करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति का खुलासा हुआ जिसमे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी छिंदवाड़ा में 1497 वर्ग फुट का मकान जिसकी कीमत 27 लाख 57 हजार रुपए, इसके अलावा इसी कॉलोनी में 1436 वर्ग फुट का मकान जिसकी कीमत 48 लाख 29 हजार रुपए है। इसके अलावा आरोपी अधिकारी के द्वारा अपनी मां भगवती डेहरिया के नाम से चंदनगाव मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में एक दुकान 9 लाख 47 हजार रुपए में खरीदी गई। साथ ही अपने भाई के नाम पर छिंदवाड़ा के एक परिसर में 21 लाख 85 हजार रुपए में एक दुकान को खरीदा गया महिला अधिकारी के पास एक मोटरसाइकिल जिसकी कीमत 57 हजार एवं एक फोर व्हीलर गाड़ी भी है जिसकी कीमत तकरीबन 16 लाख रुपए आकी जा रही है।
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आय से 220 प्रतिशत अधिक खर्च किए जाने की पुष्टि
इस पूरे मामले में शिकायत के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के द्वारा इस बात को उजागर किया। इस मामले की FIR में बताया गया कि सीएमओ दिशा डेहरिया कि कल वैधानिक आए 63 लाख 16 हजार रुपए है लेकिन उनके द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की जांच में सामने आया है कि इन्होंने कुल 1 करोड़ 37 लाख 91 हजार रुपए से अधिक की अचल संपत्ति बनाई है। जो उनकी असल कमाई से 220 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा सीएमओ के पास अन्य भूखंडों, बीमा पॉलिसियो ,सोने चांदी के आभूषणों के होने की भी संभावना है जिसके कारण उनके निवास स्थान के साथ कार्यालय पर भी जांच की गई है। जांच पूरी होने के बाद पूर्ण रूप से यह खुलासा हो पाएगा कि महिला अधिकारी के द्वारा कुल कितने रुपए की संपत्ति अर्जित की गई है।