Jabalpur : साइबर ठगी के जरिए करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर विदेश भेजने वाले एक शातिर अपराधी अब्दुल रहमान की जमानत याचिका जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत होने के चलते न्यायालय ने उसे किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया। यह मामला डिजिटल धोखाधड़ी के उस संगठित नेटवर्क से जुड़ा है, जो भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी गाढ़ी कमाई को विदेशों में ट्रांसफर कर देता है।
दुबई तक पहुंची ठगी की रकम
जांच में सामने आया है कि आरोपी अब्दुल ने साइबर फ्रॉड के जरिए भारी रकम इकट्ठा कर उसे दुबई भेजा था। अधिकारियों के अनुसार, यह रैकेट सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को आकर्षक निवेश और लॉटरी जैसी योजनाओं के झांसे में फंसाता था। जब पीड़ित बड़ी रकम जमा कर देते, तो यह पैसा हवाला और अन्य अवैध माध्यमों से दुबई भेज दिया जाता।
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पुलिस ने किया था खुलासा
जबलपुर पुलिस और साइबर क्राइम टीम की संयुक्त कार्रवाई में इस संगठित ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी ने फर्जी कंपनियों और बैंक खातों का इस्तेमाल कर रकम को ट्रांसफर किया था। पुलिस ने आरोपी के पास से कई फर्जी दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें धोखाधड़ी से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग मिले।
हाईकोर्ट ने ठुकराई जमानत
आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत की गुहार लगाते हुए कहा था कि उसके खिलाफ आरोप निराधार हैं और जांच अब पूरी हो चुकी है, इसलिए उसे रिहा किया जाए। लेकिन, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं और यदि उसे जमानत दी जाती है, तो वह फरार हो सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि मामला गंभीर है और आरोपी का सीधा संबंध साइबर ठगी से जुड़े बड़े नेटवर्क से हो सकता है। अदालत ने कहा कि डिजिटल अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जरूरी है।
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संदिग्धों की तलाश में जुटी है SIT
विशेष जांच दल (SIT) इस मामले में आरोपी से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह गिरोह सिर्फ जबलपुर या मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं, बल्कि इसका नेटवर्क राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हो सकता है। साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस लगातार नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है। यदि कोई अनजान व्यक्ति फोन, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर निवेश, लॉटरी या अन्य किसी आकर्षक योजना का लालच दे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और इसकी सूचना साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।