घाट महोत्सव के नाम पर बेच दिए हजारों टिकट, जनता ने मचाया जमकर हंगामा

जबलपुर में बड़े कलाकारों के नाम पर ठगी की गई। पोस्टर और क्यूआर कोड के जरिए महंगी टिकटें बेचकर लोगों को लूटा गया, जिसमें मध्य प्रदेश पर्यटन के नाम का भी दुरुपयोग किया गया। दशकों तक बड़े कलाकारों के नाम पर कैसे लोगों को लूटा गया। पढ़िए पूरी खबर...

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Neel Tiwari
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Jabalpur Fraud Ghat Festival

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जबलपुर में धोखाधड़ी कर लूट करने का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बड़े-बड़े कलाकारों का नाम लेकर महंगे दामों में हजारों टिकट बेच दी गई। इन नामचीन कलाकारों में सुनील ग्रोवर पीयूष मिश्रा सहित पापोन, कविता शर्मा, मधुबंती बाघी और 9teen ग्रुप का नाम भी शामिल था। बड़ी बात यहां यह थी कि इस आयोजन के पोस्टरो में मध्य प्रदेश टूरिज्म का विज्ञापन भी छपा हुआ था।

एमपी टूरिज्म के लोगो का हुआ इस्तेमाल

शहर में एक बड़े आयोजन का प्रचार बड़े ही भव्य तरीके से किया गया। हर गली, चौराहे और सार्वजनिक स्थान पर इस आयोजन के पोस्टर और बैनर लगे हुए थे। इन पर मशहूर कलाकारों की तस्वीरें, मध्य प्रदेश टूरिज्म का लोगो और एक QR कोड दिखाया गया था। आयोजन को ऐसा पेश किया गया कि यह मध्य प्रदेश टूरिज्म से जुड़ा हुआ कोई सरकारी और भरोसेमंद कार्यक्रम लगे। QR कोड को स्कैन करने पर टिकट और अन्य जानकारी मिलने का दावा किया गया, जिससे लोगों को विश्वास दिलाने की पूरी कोशिश की गई। कार्यक्रम का प्रचार इतना प्रभावशाली था कि किसी को इस पर शक नहीं हुआ। लेकिन अब खुलासा हुआ है कि यह सब एक बड़ी साजिश थी। मध्य प्रदेश टूरिज्म के नाम और लोगो का दुरुपयोग कर लोगों को धोखा देने की यह एक सोची-समझी योजना थी।

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हजारों लोग बने ठगी का शिकार

जबलपुर में एक भव्य कार्यक्रम का सपना देखने आए हजारों लोगों को बड़ा झटका लगा, जब आयोजन स्थल पर सन्नाटा  मिला। दूर-दूर से आए दर्शकों को उम्मीद थी कि वे मशहूर कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां देखेंगे, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। यह नजारा देखते ही लोगों को समझ में आ गया कि वे एक फर्जी आयोजन का शिकार हो गए हैं। मामला इतना बड़ा था कि दर्शकों में आक्रोश फैल गया, और मौके पर भारी हंगामा शुरू हो गया। जबलपुर के साथ-साथ आसपास के इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए थे। जानकारी के मुताबिक, कई लोगों ने पहले से शो के महंगे पैकेज बुक कर रखे थे, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा।

ऐसे रची गई यह साजिश

पूरे जबलपुर शहर में बड़े - बड़े पोस्टर और बैनर लगाए गए, जिनमें  कलाकारों की तस्वीरें और मध्य प्रदेश टूरिज्म का लोगो इस्तेमाल किया गया। पोस्टरों पर दिए गए QR कोड को स्कैन कर लोगों ने ऑनलाइन टिकट खरीदे। टिकटों की कीमत 1000 से 5000 रुपए के बीच रखी गई, जिससे लाखों रुपए इकट्ठा किए गए। आयोजन को वास्तविक दिखाने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म के नाम का गलत इस्तेमाल किया गया। सोशल मीडिया पर इवेंट के फर्जी पेज बनाए गए, जहां टिकट बुकिंग के लिंक शेयर किए गए।

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पहले भी हुई है सलमान खान के नाम पर ठगी

जानकारी के अनुसार इसी राहुल मिश्रा की इवेंट ने  पहले भी सलमान खान के नाम पर आयोजन कर धोखाधड़ी की थी। जबलपुर में घाट महोत्सव हुए फर्जीवाड़े ने एक बार फिर उस पुरानी घटना की याद दिला दी, जब सलमान खान को बुलाने के नाम पर हजारों लोगों को ठगा गया था। इस मामले में भी ठगों ने जनता को गुमराह करने के लिए फर्जी पोस्टर, बैनर और ऑनलाइन प्रचार का सहारा लिया था। करीब दो साल पहले, जबलपुर में एक इवेंट के नाम पर सलमान खान को मुख्य आकर्षण के रूप में प्रचारित किया गया। ठगों ने दावा किया था कि सलमान खान शहर में लाइव परफॉर्म करेंगे। इस इवेंट के लिए टिकटों की कीमत 2000 रुपए से 8000 रुपए के बीच रखी गई थी। शहरभर में पोस्टर और ऑनलाइन कैंपेन के जरिए इस इवेंट का प्रचार किया गया। हजारों लोगों ने इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए महंगे दामों पर टिकट खरीदे।

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

इतने बड़े स्तर पर हुए फर्जीवाड़े के बावजूद प्रशासन और पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति या संस्था का नहीं हो सकता, बल्कि इसमें प्रशासन की मिलीभगत की भी संभावना है। मामला तब उजागर हुआ जब आयोजन से जुड़ी अनियमितताओं की खबरें सामने आईं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे बिना जांच-पड़ताल के आयोजन की अनुमति दे दी गई और आखिर क्यों आयोजन के दस्तावेजों और गतिविधियों की सत्यता की कोई जांच हुई थी। अब लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि जिम्मेदारों ने इसे जानबूझकर नजरअंदाज किया है और इसमें अन्य जिम्मेदारों की भी मिलीभगत है।

घाट फेस्टिवल को लेकर जनता में आक्रोश

जबलपुर में आयोजित घाट फेस्टिवल को लेकर अब स्थानीय जनता में भारी आक्रोश बढ़ गया है। आयोजकों ने पहले बहाना बनाया कि कुछ टेक्निकल इशू हो गया है फिर वहां उपस्थित कुछ लोगों ने पीयूष मिश्रा के मैनेजर से भी बात की जिसके बाद उन्हें पता चला कि पीयूष मिश्रा वहां नहीं आने वाले। हजारों लोगों को धोखा देने के बाद फर्जी आयोजन का पर्दाफाश होने पर लोग आयोजकों सहित अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घाट फेस्टिवल के नाम पर स्थानीय नागरिकों और बाहरी शहरों से आए दर्शकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। आयोजकों की लापरवाही और प्रशासन की चुप्पी ने जनता का विश्वास तोड़ दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर आयोजन के लिए अनुमति दी गई थी, तो उसकी जांच-पड़ताल क्यों नहीं की गई?इस मामले में लोगों का कहना है कि उन्हें पैकेज बुक कराने के बाद भी कोई कार्यक्रम देखने को नहीं मिला। ऐसे में अब वे प्रशासन से अपनी नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

पुलिस ने आरोपी राहुल मिश्रा  गिरफ्तार कर लिया है साथ ही राहुल मिश्रा और अन्य आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420) का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि  प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि टिकट बिक्री के लिए इस्तेमाल किए गए QR कोड एक निजी बैंक अकाउंट से जुड़े थे। साथ ही राहुल मिश्रा के खिलाफ बहुत सारे लोगों से टिकट बुक करके आर्थिक लाभ प्राप्त करने और वादा खिलाफी के आरोप लगाए गए।

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