स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के शाखा प्रबंधकों द्वारा किए गए बड़े गबन का खुलासा हुआ है। इसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब एक करोड़ रुपए का केसीसी लोन लिया गया है। शिवपुरी जिले की चंदेरी शाखा के बैंक कर्मचारियों की इस करतूत ने न सिर्फ बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों को भी जन्म दिया है। क्षेत्रीय प्रबंधक दिनकर अर्गल की शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू की गई और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) में मामला दर्ज किया गया।
एसबीआई की चन्देरी शाखा में फर्जी ऋण निकालने की जांच
एसबीआई शाखा चन्देरी के बैंककर्मियों और एक अधिवक्ता द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर के.सी.सी. ऋण निकाले गए। इस मामले में जांच में पाया गया कि कुल 16 फर्जी ऋण प्रकरणों के जरिए बैंक को लगभग 98 लाख 88 हजार 922 रुपए की हानि हुई। इन मामलों में कई लाभार्थियों का भौतिक अस्तित्व भी नहीं था, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है।
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फर्जी दस्तावेजों के जरिए ऋण की साजिश
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि 08 सिंतबर 2009 से 28 अगस्त 2014 की अवधि के दौरान आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 16 प्रकरणों में केसीसी ऋण निकाले थे। इनमें से कई मामलों में तो लाभार्थी का वास्तविक अस्तित्व ही नहीं था। इस तरह के दस्तावेजों का प्रयोग बैंक के सिस्टम को धोखा देने के लिए किया गया, जिससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
आरोपी बैंककर्मी और अधिवक्ता
एसबीआई शाखा चन्देरी जिला अशोकनगर में पदस्थ शाखा प्रबंधक महेश कुमार शर्मा, बीके रैकवार अमित कुमार श्रीवास्तव, सत्यपाल सिंह सूर्यवंशी, तत्कालीन फील्ड ऑफिसर केके लगुन ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इसके अलावा, एक अधिवक्ता गौरव जैन की भी इसमें संलिप्तता सामने आई है। जांच के दौरान पता चला कि यह लोग जानबूझकर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर कूटरचित दस्तावेजों को स्वीकार करते रहे।
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ईओडब्ल्यू द्वारा मामला दर्ज, कानूनी कार्रवाई शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए ईओडब्ल्यू ने कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जाली दस्तावेज तैयार करना), 468 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करना), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करना) समेत अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा बैंक के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।