JABALPUR. जबलपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग छात्रा से छेड़खानी के मामले में आरोपी युवक को अनोखी शर्त पर अस्थायी जमानत दी है। हाईकोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि आरोपी को 2 माह तक हर शनिवार और रविवार को भोपाल जिला अस्पताल में मरीजों की निःशुल्क सेवा करेगा। साथ ही साफ-सफाई करेगा। बता दें कि आरोपी युवक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने युवक को सशर्त जमानत दी है। अगली सुनवाई 17 जुलाई को है।
अनोखी शर्त पर आरोपी को मिली जमानत
हाईकोर्ट ने आरोपी छात्र को 2 माह की टैम्परेरी बेल देते हुए कहा कि इस मामले में लगे आरोप बहुत ही गंभीर हैं। आरोपी युवक दो महीने तक हर शनिवार-रविवार भोपाल के जिला अस्पताल में सुबह 9 से 1 बजे तक सेवा देगा। ओपीडी में काम करने वाले कंपाउंडर्स की मदद करेगा। साफ-सफाई करेगा। मरीजों की हर संभव मदद करेगा। इससे उसे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की शिक्षा मिल सकेगी। उसका उपयोग आपदा प्रबंधन के समय स्वयंसेवक के तौर पर किया जा सकेगा। इस तरह युवक सामाजिक जिम्मेदारी समझेगा और बेहतर नागरिक बनेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर जमानत निरस्त की जाएगी।
आरोपी पर नजर रखेंगे सीएमएचओ
जस्टिस आनंद पाठक ने आदेश में कहा कि छात्र को बेहतर नागरिक बनाने, उसकी उम्र और भविष्य को देखते हुए समाज सेवा का आदेश दिया गया है, ताकि उसे समाज की मुख्य धारा में आने का अवसर मिल सके। युवक अस्पताल में मरीजों के लिए परेशानी का कारण नहीं बनेगा। अगर उसके दुर्व्यवहार या आचरण की जानकारी या शिकायत आती है, तो जमानत खारिज कर दी जाएगी। आदेश में आगे लिखा गया कि भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उसे बाह्य विभाग में कार्य करने की अनुमति प्रदान करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट देंगे।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि भोपाल में 4 अप्रैल 2024 को पिपलानी थाने में बीबीए फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट अभिषेक के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। नाबालिग छात्रा ने अपने शिकायत में कहा था कि युवक पिछले दो साल से उसे परेशान कर रहा है। उसका पीछा करता है। बेवजह फोन करता था। साथ ही कमेंट भी करता है। आरोपी ने अपने हाथ पर लड़की के नाम का टैटू भी बनवा लिया था। कई बार धमकी भी दी थी। जिसके बाद छात्रा की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पिपलानी थाने में पास्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। भोपाल पुलिस ने मामले में आरोपी युवक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद आरोपी लड़के के लिए हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की गई थी।
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बेटे की हरकत पर माता- पिता ने जताई शर्मिंदगी
वहीं लड़के के मां-बाप ने भी अदालत में अपने बेटे की हरकत पर शर्मिंदगी जताई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक ने पूरे मामले को सुना और इसके बाद यह अनोखी सजा सुनाई। युवक के माता-पिता ने पढ़ाई का तर्क देते हुए बताया कि छात्र की पढ़ाई चल रही है। अगर उसे गंभीर सजा दी जाती है, तो करियर बर्बाद हो जाएगा। माता-पिता की ओर से बेटे के कृत्य पर माफी भी मांगी गई।
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