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JABALPUR. वैध व्यापारियों को चेतावनी और अवैध व्यापारियों को दुलार, जी हां जबलपुर नगर निगम का कुछ ऐसा ही हाल है, क्योंकि जबलपुर नगर निगम ने राजस्व वसूली से लेकर लाइसेंस रिन्यूअल तक जहां वैध दुकानदारों पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है, वहीं नगर निगम के मुख्यालय के ठीक सामने रेड जोन सहित शहर में अन्य जगहों पर अवैध दुकान संचालित कर रहे लोगों को व्यापार की खुली छूट दे रखी है।
जबलपुर नगर निगम कमिश्नर ने शहर के लाइसेंसी व्यापारियों को अपना लाइसेंस 31 मार्च तक रिन्यू कराने के लिए निर्देशित कर दिया है और उसके साथ यह भी चेतावनी दी गई है कि इसके बाद यदि लाइसेंस रिन्यू किए जाते हैं तो उन्हें 100% अधिकर यानी पेनाल्टी देनी होगी। इसके विपरीत पूरे शहर में जगह-जगह अवैध दुकानों का जाल बिछा हुआ है। यहां तक की नगर निगम के मुख्यालय के ठीक सामने जो जगह रेड जोन घोषित की गई है वहां पर भी धड़ल्ले से अवैध व्यापारियों ने दुकाने खोल रखी हैं जिस पर नगर निगम की नजर कभी टेढ़ी होती हुई नजर नहीं आती।
जहां रेड जोन का बोर्ड वहीं खुली हैं दुकानें
जबलपुर नगर निगम के द्वारा रेड जोन घोषित किए गए क्षेत्र पर बाकायदा बोर्ड लगे हुए हैं जिसमें यह साफ-साफ लिखा हुआ है कि इस जगह पर व्यापार करना प्रतिबंधित है और यदि ऐसा पाया जाता है तो 5000 का जुर्माना और 6 माह का कारावास भी हो सकता है। लेकिन इसे नगर निगम की उदासीनता कहें या इन दुकानदारों का बेखौफ रवैया की उन्होंने इस लाल बोर्ड के ठीक सामने ही दुकानें खोलकर इसे ढक दिया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह दुकाने नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने लगती हैं जहां से रोज नगर निगम कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी भी गुजरते हैं लेकिन ना जाने किस कारण से उन्हें यह दुकानें कभी नजर ही नहीं आती।
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शहर की सुंदरता पर पड़ रहा असर
जहां एक और नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव के द्वारा लगातार शहर में भ्रमण कर स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर कवायत की जा रही है और उसके साथ ही शहर की ब्यूटीफिकेशन के लिए बड़े-बड़े दावे भी किया जा रहे हैं। लेकिन शहर के हर बड़े चौराहे से लेकर नगर निगम मुख्यालय तक यह अवैध दुकाने जबलपुर नगर निगम की दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है। शहर में तो अब यही चर्चाएं हैं कि जबलपुर का नगर निगम दिया तले अंधेरा कहावत को चरितार्थ कर रहा है क्योंकि जब उन्हें अपने मुख्यालय के सामने ही आवेदन दुकान नजर नहीं आ रही तो पूरे शहर का सौंदर्यीकरण को दूर की बात है।
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स्वच्छता सर्वेक्षण फीडबैक पर पड़ सकता है असर
इस तरह की भेदभावपूर्ण रवैए को लेकर उन छोटे व्यापारियों में भारी आक्रोश है जो लाइसेंस और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद दुकान संचालित कर रहे हैं। हालांकि लाइसेंस रिन्यूअल के सीजन के चलते या व्यापारी नगर निगम का खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन उनका यह मानना है कि इस तरह की अव्यवस्था और निगम मुख्यालय के सामने इन दुकानदारों द्वारा फैलाये जा रहे कचरे का प्रभाव स्वच्छता सर्वेक्षण के फीडबैक पर भी पड़ सकता है।
इस मामले में हमने जबलपुर नगर निगम की कमिश्नर प्रीति यादव से बात करने का प्रयास किया पर उनका फोन नहीं लगा, जिसके बाद हमने उन्हें मैसेज भी भेजा लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला। अब देखना होगा कि आखिरकार शहर को सुंदर बनाने के लिए नगर निगम जबलपुर आगे इस और कोई प्रयास भी करता है या यह कवायत सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण तक का दिखावा मात्र ही है।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅वैध व्यापारियों पर कड़ी कार्रवाई और अवैध दुकानों को खुली छूट देना।
✅नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने रेड जोन में अवैध दुकानें चल रही हैं, जो निगम की लापरवाही को दर्शाती हैं।
✅अवैध दुकानों के कारण शहर की सुंदरता प्रभावित हो रही है, जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण पर असर पड़ सकता है।
✅वैध व्यापारियों में निगम की नीतियों से गुस्सा है, लेकिन लाइसेंस रिन्यूअल के कारण वे खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे।
✅नगर निगम कमिश्नर से प्रतिक्रिया न मिलने के कारण उनकी उदासीनता सामने आई है।
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