भारत में रेलवे नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने जबलपुर और इंदौर के बीच एक नई रेल लाइन बनाने का फैसला लिया है। इस नए रेल मार्ग के बनने से दोनों शहरों के बीच की यात्रा लगभग 2 घंटे कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे।
नई रेल लाइन का मार्ग और कनेक्टिविटी
इस नई रेल लाइन का मार्ग पहले गाडरवारा और बुदनी से होकर बनने वाला था, लेकिन अब इसे इटारसी, बुदनी और खातेगांव से होकर बनाने का फैसला लिया गया है। यह नई रेल लाइन इंदौर-देवास रेल लाइन में मांगलिया गांव के पास जुड़ने वाली है। इस रूट के बनने से ट्रेनें अब भोपाल के बिजी रूट को बायपास करते हुए सीधे इंदौर और जबलपुर के बीच आवागमन कर सकेंगी।
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रेल मंत्री ने दी जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में इस परियोजना के प्रोग्रेस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुदनी से इंदौर के बीच नई रेल लाइन बनाने का काम चल रहा है। पहले यह योजना गाडरवारा-बुदनी रेलखंड के विस्तार के रूप में थी, लेकिन अब नई योजना में इटारसी रेल मार्ग को जोड़ने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि इससे दोनों स्थानों की दूरी में कोई खास बदलाव नहीं आएगा।
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रेल लाइन के लिए फंड और समय सीमा
इस नई रेल लाइन को बनाने के लिए सरकार ने 3261.82 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की है। मार्च 2024 तक इस परियोजना में लगभग 948.37 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, और 1107.25 करोड़ रुपए अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित किए गए हैं। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है और इसका निर्माण तेजी से हो रहा है।
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किसे मिलेगा फायदा?
इस नए रेलवे प्रोजेक्ट से सीहोर, देवास और इंदौर जिलों के कई कस्बों और गांवों को फायदा मिलेगा। नसरुल्लागंज, खातेगांव और कन्नोद जैसे कस्बों को अब रेलवे कनेक्टिविटी मिलेगी, जो पहले रेल नेटवर्क से जुड़े नहीं थे। इसके अलावा, यह रेल मार्ग औद्योगिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि करेगा।