मास्टर प्लान के संबंध में नहीं दाखिल हुआ जवाब , हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने जबलपुर में पिछले 4 साल से मास्टर प्लान न बनने पर नाराजगी जताई। सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया और ऐसा न करने पर डायरेक्टर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।

author-image
Neel Tiwari
New Update
High Court
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जबलपुर में पिछले 4 सालों से कोई भी मास्टर प्लान मौजूद नहीं है। ऐसे में शहर के विकास की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। नागरिक उपभोक्ता मंच की तरफ से दायर की गई याचिका में हाईकोर्ट ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था लेकिन सरकार के द्वारा कोई भी स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट को पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही जवाब दाखिल न होने पर डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भोपाल को हाजिर होने के भी आदेश जारी किए हैं।

नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की जनहित याचिका 

नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसके अनुसार जबलपुर के लिए बनाया गया मास्टर प्लान 2021 में समाप्त हो चुका है। साल 2024 तक कोई भी प्लान लागू नहीं हुआ है। साथ ही 2014 मे 62 गांव नगर निगम की सीमा मे शामिल किए गए थे। उन पर भी मास्टर प्लान लागू नहीं है। इसके अलावा जबलपुर में स्थित बीएसएनएल की टेलीग्राम कंपनी आबंटित जमीन में बनी फैक्ट्री में बड़ी संख्या में पेड़ों के लगे होने के कारण इसे जबलपुर का ऑक्सीजन टैंक माना जाता है। इसलिए उस जमीन को मास्टर प्लान के तहत ग्रीन बेल्ट बनाए जाने की मांग की गई थी।

ये खबर भी पढ़ें...

ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट ने 87%-13% फार्मूला लागू करने वाले आदेश को किया खारिज

महिला अधिकारी से कुलगुरु की छेड़छाड़ के सीसीटीवी किए जाएं जब्त-हाईकोर्ट

सरकार के द्वारा नहीं पेश की जा रही स्टेटस रिपोर्ट 

इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि 2021 में जबलपुर शहर का मास्टर प्लान समाप्त हो गया था और 4 साल बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कोई भी नया मास्टर प्लान नहीं तैयार किया गया है इसे आधार मानकर नागरिक उपभोक्ता मंच की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा इस याचिका संबंधी जवाब और नए मास्टर प्लान के तैयार किए जाने संबंधी स्टेटस रिपोर्ट सरकार से मांगी गई थी जिसमें सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ और समय की मांग की थी। जिस पर कोर्ट के द्वारा चार सप्ताह का समय स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए दिया गया था। इस याचिका में टेलीग्राम कंपनी की आवंटित जमीन को ग्रीन बेल्ट बनाए जाने की भी मांग की गई थी।

ये खबर भी पढ़ें...

कोयला घोटाला केस में रानू साहू और तिवारी को लगा हाईकोर्ट से झटका

सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक टली आरिफ मसूद मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई

स्टेटस रिपोर्ट दाखिल ना करने से कोर्ट ने जताई नाराजगी

अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया है कि सुनवाई के दौरान जब कोर्ट के द्वारा सरकार से स्टेटस रिपोर्ट को मांगा गया तब सरकार के द्वारा स्टेटस रिपोर्ट को तैयार किए जाने के लिए कुछ और समय की मांग की गई, जिस पर कोर्ट के द्वारा नाराजगी जताते हुए कहा गया कि 4 महीने में भी स्टेटस रिपोर्ट को तैयार कर पेश नहीं किया गया है। साथ ही सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट को पेश करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट ने चेतावनी के साथ जारी किया आदेश 

इस जनहित याचिका पर सुनवाई के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच में हुई जिसमें कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकार के द्वारा अतिरिक्त समय की मांग की गई है लिहाजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाता है और यदि अगली सुनवाई  तक रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को अगली सुनवाई में प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का भी आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की निहित की गई है।

मध्य प्रदेश Master Plan Jabalpur News जबलपुर मास्टर प्लान जबलपुर न्यूज मास्टर प्लान