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जबलपुर में मंगलवार की देर शाम NSUI ( नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ मशाल जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन ऐन वक्त पर अनुमति को निरस्त करने के विरोध में कार्यकर्ताओं ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर प्रदर्शन किया है। छात्र संघ चुनाव और छात्रों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए मशाल जुलूस को आयोजित किया गया था।
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MP NSUI का कैंपस चलो अभियान
जबलपुर में मप्र एनएसयूआई के कैंपस चलो अभियान के तहत छात्रों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए आयोजित किए गए मशाल जुलूस में विवाद खड़ा हो गया था। जिसमें जिला प्रशासन की ओर से पहले जुलूस के लिए अनुमति दी गई थी लेकिन आयोजन शुरू होने के कुछ घंटे पहले अनुमति को निरस्त कर दिया गया था। जिस पर कार्यकर्ताओं के द्वारा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे भाजपा सरकार की दमनकारी नीति के तहत छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश बताया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि सरकार का यह रवैया छात्रों के प्रति उनकी तानाशाही मानसिकता को उजागर करता है।
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मोबाइल की फ्लैश लाइट जला कर किया प्रदर्शन
जिला प्रशासन ने एनएसयूआई के द्वारा आयोजित मशाल जुलूस की अनुमति को आयोजन से कुछ घंटे पहले रद्द कर दिया था। अपनी मांगों को लेकर अड़े एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के द्वारा कदम पीछे ना हटाकर अपनी मांगों को पूरा किए जाने को लेकर मशाल जुलूस की जगह मोबाइल की फ्लैश टॉर्च जलाकर जुलूस निकाला गया। इस दौरान सरकार की छात्र विरोधी नीति के खिलाफ उन्होंने नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यह आयोजन दीनदयाल चौक से एसबीआई चौक तक पैदल जुलूस के रूप में आयोजित किया गया था।
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छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का हनन : NSUI
एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहले से दी गई इस मशाल जुलूस की अनुमति को अचानक निरस्त कर देना भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों और छात्र विरोधी रवैये को दर्शाता है । साथ ही उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि एसडीएम के द्वारा अनुमति को निरस्त करना यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार छात्रों की आवाज को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों और छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का सीधा हनन है। इसके अलावा उन्होंने जिला प्रशासन पर भी सरकार के इशारों पर काम करने के आरोप लगाते हुए बताया कि सरकार के द्वारा छात्रों के अधिकारों को छीनने का भी प्रयास किया जा रहा है।
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छात्रों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरती है सरकार
जबलपुर में NSUI के जिला उपाध्यक्ष अनुज यादव के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला जाना था, लेकिन अनुमति ना होने के कारण इसे मोबाइल के फ्लेश टॉर्च जलाकर निकालने वाले जुलूस में बदल दिया गया । साथ ही NSUI के द्वारा जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं की ओर से इस दौरान बताया गया कि सरकार की यह नीति छात्रों के हित में नहीं है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन पर छात्रों के इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के डर की वजह से आयोजन की अनुमति न देने की बात कहीं है
एनएसयूआई की प्रमुख मांगें
• पेपर लीक पर कड़ा कानून: दोषियों को 20 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना।
• छात्रवृत्ति पर लोकसेवा गारंटी: समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के साथ फर्जी छात्रवृत्तियों को रोकने के लिए सख्त कानून।
• सबको शिक्षा-सबको प्रवेश: पाठ्यक्रम में सुधार और एससी/एसटी हॉस्टलों की संख्या बढ़ाई जाए।
• छात्रसंघ चुनाव: तत्काल प्रभाव से शुरू किए जाएं।
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