2013 के पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेज के रजिस्ट्रेशन को मिला एक और दिन

हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2013 से पहले चल रहे नर्सिंग कॉलेज जिनमे 100 बिस्तरों की क्षमता नहीं है। उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए एक दिन का और मौका दिया गया है।

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Neel Tiwari
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बीते दिनों हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के बाद भी नर्सिंग मेडिकल काउंसिल का सुस्त रवैया आज जबलपुर हाईकोर्ट के सामने आया। कोर्ट के आदेश के बाद भी 100 बिस्तरों से कम की क्षमता वाले 2013 से पहले के नर्सिंग कॉलेज का रजिस्ट्रेशन पोर्टल में नहीं हो रहा है।

क्या कहा कोर्ट ने

14 नवंबर 2024 को जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की डबल बेंच से 2013 के पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेजों के लिए राहत भरा फैसला जारी हुआ था। आदेश के अनुसार 2013  के पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेज के लिए 100 बिस्तरों के अस्पताल की बाध्यता नहीं थी।  नर्सिंग कॉलेज को तीन दिनों के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिए इन नर्सिंग कॉलेज का रजिस्ट्रेशन करना था। लेकिन 19 नवंबर की जगह यह पोर्टल 20 नवंबर की दोपहर में ओपन हुआ। पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के दौरान नर्सिंग कॉलेज को मैसेज आ रहे थे कि आपका अस्पताल में 100 बेड की क्षमता नहीं है। इसके बाद नर्सिंग कॉलेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

एक दिन और बढ़ाई गई रजिस्ट्रेशन की डेट

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल तीन दिनों के लिए खोला जाना था। जो कि 19,20 और 21 नवंबर तक खुला रहेगा । लेकिन 19 नवंबर को पोर्टल शुरू ही नहीं हुआ और 20 नवंबर  दोपहर 12 बजे तक पोर्टल शुरू होने के बाद रजिस्ट्रेशन करने पर उसमें यह मैसेज आ रहा था कि आपका 100 बेड का अस्पताल नहीं है इसलिए आप आगे नहीं बढ़ सकते। इस मामले में बीएम कॉलेज की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने कोर्ट को बताया गया कि न्यायालय के आदेश के बाद भी नर्सिंग काउंसिल और सरकार का रवैया नहीं बदला है। इस पर न्यायालय आदेश देते हुए रजिस्ट्रेशन की तारीख को एक दिन और बढ़ाने का निर्देश दिया अब यह तारीख 20,21 ओर 22 नवंबर होगी।

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HC से पहले ही मिल चुकी है राहत

हाईकोर्ट से मिली राहत के अनुसार 2013 से पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेजो में 100 बिस्तरों का होना जरूरी नहीं है। वह अपने जिले में किसी भी शासकीय अस्पताल से अनुबंध कर कॉलेज का संचालन कर सकते हैं। लेकिन स्टेट नर्सिंग काउंसिल के पोर्टल के अनुसार नियमों को दरकिनार कर सभी नर्सिंग कॉलेजो के लिए 100 बिस्तरों की क्षमता के साथ ही रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया था। अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह पोर्टल एक दिन के लिए दोबारा खुलेगा और नर्सिंग कॉलेज के इस पोर्टल में रजिस्ट्रेशन होंगे।

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कोर्ट के आदेश का पालन करे प्रदेश सरकार 

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश के अनुसार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कार्य करने के लिए पत्र लिखा है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप न्यायालय या किसी अन्य को अनुग्रहित नहीं कर रहे हैं। यह न्यायालय का आदेश है और इसका पालन करना जरूरी है। इसके साथ ही 2013 के पहले से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज को अब रजिस्ट्रेशन के लिए एक दिन और मिल गया है।

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